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Jammu: कोरोना ने बदला सिस्टम, अब पीएचडी की डिग्री के लिए साक्षात्कार ऑनलाइन करवाने की तैयारी

विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की कोशिश है कि समय पर परिणाम घोषित करके विद्यार्थियों को राहत दी जाए। हालांकि विवि के बंद रहने व स्टाफ के बहुत कम आने से समस्या तो है लेकिन फिर भी वीसी इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 11:13 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 11:13 AM (IST)
Jammu: कोरोना ने बदला सिस्टम,  अब पीएचडी की डिग्री के लिए साक्षात्कार ऑनलाइन करवाने की तैयारी
विद्यार्थी अब घरों में तो चाहे बैठें है लेकिन उन्हें अधिक जवाबदेह बनाया गया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना से उपजे हालात ने शिक्षा प्रणाली को काफी हद तक बदल कर रख दिया है। पीएचडी की थीसिस पूरी करने के बाद उम्मीदवार पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देते थे और साथ में साक्षात्कार होता था जिसमें पूरी कमेटी शामिल होती थी। एक विशेषज्ञ भी शामिल होता था मगर कोरोना ने सब कुछ बदल दिया है।

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जम्मू विश्वविद्यालय ने कोरोना की चुनौतियों के बीच पीएचडी की डिग्री के लिए साक्षात्कार आनलाइन करवाने की तैयारी की है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि सवा साल से अधिक समय से शिक्षण संस्थान बंद है तो ऐसे में विद्यार्थियों का काफी समय बर्बाद हो चुका है। पीएचडी की थीसिस पूरी होने के बाद साक्षात्कार के लटके पड़े मामलों के निपटारे के लिए जम्मू विश्वविद्यालय ने 14 और 15 जून को साक्षात्कार करवाने का फैसला किया है। इसमें पीएचडी के विद्यार्थियों के आन लाइन साक्षात्कार लिए जाएंगे। इसमें वीसी, संबंधित विभागों के अध्यक्ष, डीन, डीन रिसर्च, विशेषज्ञ समेत अन्य अधिकारी शामिल होंगे।

विश्वविद्यालय के कंट्रोलर प्रो. जसबीर सिंह का कहना है कि यह फैसला वीसी के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय बैठक में हो चुका है। ऐसे बीस से अधिक मामले है जिनका आनलाइन साक्षात्कार लिया जाएगा। विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की कोशिश है कि समय पर परिणाम घोषित करके विद्यार्थियों को राहत दी जाए। हालांकि विवि के बंद रहने व स्टाफ के बहुत कम आने से समस्या तो है लेकिन फिर भी वीसी इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं।

वहीं पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए भी आनलाइन साक्षात्कार को अनिवार्य बनाया गया। पहले सामान्य समय में पीजी कोर्सों के लिए साक्षात्कार नहीं होता था लेकिन अब चूंकि एक साल से अधिक समय से विद्यार्थी आनलाइन ही परीक्षा दे रहे है तो विश्वविद्यालय ने सिस्टम में कुछ बदलाव किया है ताकि विद्यार्थियों के ज्ञान में इजाफा किया जाए। इसमें अंकों के मूल्यांकन के लिए 67 फीसद थ्यूरी और 33 फीसद साक्षात्कार लिया जा रहा है। विद्यार्थी अब घरों में तो चाहे बैठें है लेकिन उन्हें अधिक जवाबदेह बनाया गया है। 


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