पक्के बंकर बनाने का कार्य अधर में लटका
संवाद सहयोगी, हीरानगर : गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद भी भारत-पाक सीमा पर हीरानगर
संवाद सहयोगी, हीरानगर : गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद भी भारत-पाक सीमा पर हीरानगर सेक्टर के गांवों में पक्के बंकर बनाने का कार्य अधर में लटका हुआ है। एक माह पूर्व पीडब्ल्यूडी ने 1956 व्यक्तिगत बंकरों के टेडर लगाए थे और देवो चक्क, शेरपुर गावों में काम शुरू भी किया था, जो बरसात के कारण रोक दिया गया था। वहीं, बंकरों के डिजाइन को बदलने की बॉर्डर वेलफेयर कमेटी ने डिवीजनल कमिश्नर से माग की थी। उन्होंने साबा और कठुआ के डीसी को इस संबंध में कहा था लेकिन अभी तक पीडब्ल्यूडी के पास कोई लिखित आदेश नहीं आया। वहीं, स्थानीय लोगों ने भी जब तक डिजाइन नहीं बदलता बंकर बनवाने से इंकार कर दिया है।
बॉर्डर वेलफेयर कमेटी के प्रधान नानक चंद, उपप्रधान भारत भूषण का कहना है कि सरकार ने पक्के बंकर बनाने की घोषणा कर टेडर भी लगा दिए, लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने गावों में आकर लोगों से बात नहीं की। जो बंकर पीडब्ल्यूडी बना रहा है उसके लिए एक तो 24 फीट जमीन की जरूरत है। इतनी जगह घरों के अंदर सबके पास नहीं है। दूसरा बंकरों का डिजाइन भी ठीक नहीं है। सीढि़यों और दरवाजे के रास्ते पानी बंकरों के अंदर जा सकता है। ऐसा इंजीनियर भी मानते है। ऐसे बंकरों में लोग कैसे सुरक्षित रह सकते है। कमेटी ने पहले ही प्रशासन से डिजाइन बदलने की माग की थी, जिस पर किसी ने गौर नहीं किया।
इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के एईई केके अत्री का कहना है कि बंकरों का निर्माण बारिश की वजह से रुका हुआ था। जल्द ही काम शुरू करेंगे। उन्हें डिजाइन बदलने का कोई आदेश नहीं मिला है।