Ghulam Nabi Azad के समर्थकों के 'पर' कुतरने की तैयारी, आला कमान ने दी इजाजत
पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताराचंद ने कहा कि गुलाम नबी आजाद के साथ खड़े होने को कोई बगावत और अनुशाासनहीनता मानता है तो मैं कुछ नहीं कह सकता। हमें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर कांग्रेस में बागियों के 'पर' कुतरने की तैयारी शुरू हो गई है। कांग्रेस आला कमान ने इजाजत भी दे दी है। अब पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के करीबियों के खिलाफ अंतिम कार्रवाई करने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी होगा। उन्हें पार्टी की बैठकों व संगठनात्मक कार्यक्रमों से दूर रखा जाएगा। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद सहित कई बड़े नेता शामिल हैं।
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि जम्मू कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल बीते माह जम्मू कश्मीर के दौरे पर आई थी। उन्होंने गुलाम नबी आजाद के जम्मूू में 28 फरवरी के कार्यक्रम में दिए भाषण से पैदा हुए हालात का जायजा लिया था। वह तीन दिन तक प्रदेश में रहीं। इस दौरान कश्मीर के विभिन्न शहरों और कस्बों का दौरा करने के अलावा जम्मू में भी बैठकें व रैलियां कीं। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता अनुपस्थित रहे। इन नेताओं को रजनी के कार्यक्रम की पूरी जानकारी दी गई थी। यह नेता जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के महंगाई और बेरोजगारी विरोधी अभियान से भी दूर रहे। कांग्रेस की केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 45 दिन तक जारी रही रैलियां बीते सप्ताह ही समाप्त हुई हैं।
रजनी ने सौंपी थी रिपोर्ट : रजनी पाटिल ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के विभिन्न नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद दिल्ली में आलाकमान को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर को बागियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की हरी झंडी दे दी है। इसलिए अब ताराचंद, गुलाम नबी मोंगा,जीएम सरूरी, जुगल किशोर और मोहम्मद अनवर बट और ताज मोहिउद्दीन के नाम उल्लेखनीय हैं। इन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर, अपना पक्ष रखने का पूरा समय देने के बाद ही इनके खिलाफ अगली कार्रवाई की जाएगी।
हम वफादार सिपाही हैं : तारा चंद
पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताराचंद ने कहा कि हम कांग्रेस के बागी नहीं वफादार सिपाही हैं। हमने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए ही काम किया है। अगर गुलाम नबी आजाद के साथ खड़े होने को कोई बगावत और अनुशाासनहीनता मानता है तो मैं कुछ नहीं कह सकता। हमें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है, इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। जब आएगा तब देखा जाएगा। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की परोक्ष शब्दों में पुष्टि करते हुए कहा कि हमें अगर किसी कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी तो ही हम उसमें शामिल होंगे, जब हमें बताया ही नहीं जाएगा, चंद लोग अपने तौर पर फैसला लेकर अभियान चलाने लगे तो हम कैसे उसका हिस्सा बन सकते हैं।