¨सधु जल संधि के मसले का हल समग्र तरीके से संभव : पार्थासारथी
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त और केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के चांसलर
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त और केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के चांसलर जी पार्थासारथी ने कहा कि ¨सधु जल संधि के मसले का हल समग्र तरीके से निकाला जा सकता है। राष्ट्रीय सहमति के बिना कोई भी सरकार नदियों से संबंधित मुद्दों का समाधान नहीं कर सकती। बयानबाजी से किसी मसले का हल नहीं हो सकता है। ¨सधु जल संधि को हमें समग्र तरीके से देखना चाहिए।
केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू में शनिवार को आयोजित होने वाले सेमिनार में भाग लेने पहुंचे पार्थासारथी ने कहा कि अगर जम्मू कश्मीर के राजनीतिज्ञ कहते हैं कि ¨सधु जल संधि से राज्य को बहुत नुकसान हुआ है तो मैं यह ध्यान दिलाना चाहता हूं कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमांत इलाकों में सैन्य कार्रवाई में लाखों लोग बेघर हो गए हैं। संवेदनशील मुद्दे पर सेमिनार करवाने का उद्देश्य यह है कि लोग नदियों के पानी और पन बिजली परियोजनाओं को लेकर जागरूक हों। मैं नहीं समझता हूं कि ¨सधु जल संधि के मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श हुआ है। हमने फैसला किया है कि लोगों को नदियों के पानी के इस्तेमाल और इससे जुड़े पहलुओं से जागरूक करेंगे। विदेश नीति को समझने की जरूरत यह है कि हम काम करते जाएं और राष्ट्रीय स्तर पर सर्वसम्मति बने। आप नदियों से संबंधित मुद्दों का हल राष्ट्रीय सहमति के बिना नहीं कर सकते। ¨सधु जल संधि को लेकर सरकारों ने अपना सहयोग दिया है। राज्यपाल करेंगे सेमिनार का उद्घाटन
राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन करेंगे। इसमें पूर्व राजदूत और इंडियन काउंसिल फॉर वर्ल्ड अफेयर्स के महानिदेशक टीसीए राघवन मुख्य भाषण देंगे। सेमिनार का विषय है दक्षिण एशिया में सीमांत मुद्दे- ¨सधु जल संधि भारत और पाकिस्तान संबंध। नदियों के जल का मुद्दा जटिल है। इसलिए सेमिनार विशेषज्ञ के स्तर का होगा। सेमिनार में केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर के चांसलर पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, पूर्व राजदूत फुनचौक स्टाबडन, ¨सधु जल संधि के भारतीय आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना, सचिवालय में पूर्व विशेष सचिव तिलक देवाशर व एनएचपीसी के प्रबंध निदेशक बलराज जोशी भी विचार रखेंगे। इस मौके पर जम्मू विवि के पूर्व वीसी प्रो. अमिताभ मट्टू व केंद्रीय विवि जम्मू के वीसी प्रो. अशोक ऐमा भी मौजूद थे।