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श्रीनगर में 28 सालों बाद ठंड का रिकार्ड टूटा, जम्मू में भी न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस पहुंचा

डल में जम रही बर्फ से आकर्षित हो सेल्फी लेने के शौकीनों की भीड़ पर काबू पाने के लिए प्रशाासन ने जहां लोगों को झील में बर्फ की सतह पर न जाने की सलाह दी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 12:15 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 12:15 PM (IST)
श्रीनगर में 28 सालों बाद ठंड का रिकार्ड टूटा, जम्मू में भी न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस पहुंचा
श्रीनगर में 28 सालों बाद ठंड का रिकार्ड टूटा, जम्मू में भी न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस पहुंचा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में वीरवार को बीते 28 सालों में सबसे ठंडी रात का रिकार्ड टूट गया। न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे -7.6 डिग्री सेल्सियस चला गया। द्रास में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे -20.6 डिग्री सेल्सियस चला गया है। इस बीच सूखी ठंड के कहर के बीच तापमान में आयी गिरावट से डल झील में जम रही बर्फ की चादर जहां और बढ़ गई। कई अन्य नदी-नालों में भी पानी जम गया है। डल में जम रही बर्फ से आकर्षित हो सेल्फी लेने के शौकीनों की भीड़ पर काबू पाने के लिए प्रशाासन ने जहां लोगों को झील में बर्फ की सतह पर न जाने की सलाह दी है। वहीं स्थानीय हाऊसबोट मालिक और शिकारा वाले भी अपने चप्पुओं से इसे तोड़ रहे हैं।

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इस समय कश्मीर घाटी में सर्दियों का सबसे ठंडा मौसम चिल्ले कलां चल रहा है। चिल्ले कलां 21 दिसंबर को शुरु हुआ है जो 30 जनवरी को समाप्त होगा। चिल्ले कलां में वादी में अक्सर हिमपात होता है और अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे चला जाता है। हालांकि बीते एक सप्ताह के दौरान वादी में हिमपात नहीं हुआ है,लेकिन अगले तीन दिनों में हिमपात और बारिश की संभावना जताई जा रही है। श्रीनगर स्थित मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीती रात श्रीनगर शहर की मौजूदा सर्दियों में अब तक की सबसे ठंडी रात है। इस दौरान न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे -7.6 डिग्री सेल्सियस चला गया था। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 7 दिसंबर 1990 को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे - 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। इसके बाद 11 साल पहले 31 दिसंबर 2007 को वादी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे -7.2 डिग्री दर्ज किया गया था।

उन्होंने बताया कि न्यूनतम तापमान में गिरावट सिर्फ श्रीनगर तक सीमित नहीं रही है। पहलगाम में इस दौरान न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे -8.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है जबकि गुलमर्ग में यह -9.0 डिग्री सेल्सियस रहा है। करगिल में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे -16.2 डिग्री सेल्सियस, द्रास में -20.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि गत बुधवार को द्रास में दिन का अधिकतम तापमान भी शून्य से नीचे -8 डिग्री सेल्सियस रहा है। द्रास को साईबेरिया के बाद दुनिया का सबसे ठंडा इलाका माना जाता है।

कश्मीर में न्यूनतम तापमान में आयी गिरावट का असर आज सुबह स्थानीय जनजीवन पर साफ नजर आया। सड़कों पर कई जगह कोहरा जमा होने के कारण जहां वाहनों की गति बहुत धीमी रही,वहीं बाजार भी जो सामान्य तौर पर दस बजे तक खुलते हैं, करीब एक घंटे की देरी बाद दुकानों के शटर ऊठे। लोगों के घरों में सुबह नलों में पानी जमा हुआ था। कई जगह लोग नल के पास आग जला उसकी पाईपोंको गर्मकर,उन्हें चालू करने का प्रयास कर रहे थे तो कई जगह जलापूर्ति की पाईपों में पानी के बर्फ जम जाने से बढ़े दबाव में वह फट गई। डल झील में लगातार जम रही बर्फकी चादर भी आज और ज्यादा मोटी व विस्तृत हो गई है।

सुबह सवेरे बड़ी संख्या में लोग और कश्मीर घूमने आए पर्यटक फोरशोर रोड पर कई जगह झील में जमी बर्फ के साथ सेल्फी लेने के लिए जमा हुए थे। इस बीच पुलिस और नागरिक प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है कि वह झील में जम रही बर्फ की परत पर न जाएं। यह कच्ची है और किसी भी समय टूटसकती है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने झील के संवेदनशील हिस्सों में पुलिस की गश्त भी बड़ा दी है। झील में स्थित हाऊसबोट के मालिकों और शिकारा वाले भी कई जगह झील में जम रही बर्फ कीचादर की परत को अपने चप्पुओं से तोड़ते हुए नजर आए। हिलाल अहमद नामक एक हाऊसबोट मालिक ने कहा कि झील में अगर बर्फ जम जाए तो उसके दबाव से हाऊसबोट को नुक्सान पहुंचता है। इसके अलावा झील में नौका चलाना भी मुश्िकल हो जाता है। इसलिए हम झील के उन हिस्सों में बर्फ की चादर को तोड़ते हैं जहां से अक्सर शिकारे निकलते हैं या हाऊसबोट हों।

मौसम विभाग के अनुसार, इसी दौरान जम्मू में न्यूनतम तापमान शून्य से ऊपर 4.3, कटरा में 3.7 रिकार्ड किया गया है। लेकिन जम्मू संभाग के बटोत में शून्य से नीचे -2.2, बनिहाल में -3.5 और भद्रवाह में - 2.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। किश्तवाड़ तथा उसके आसपास के इलाकों में पिछले दो दिनों से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। बुधवार से आसमान पर बादल छाए हुए हैं लेकिन बारिश का कहीं नामोनिशान नहीं है ठंड इतनी बढ़ गई है कि लोग ठंड से बचने के लिए घरों में ही दुबके रहे सुबह के समय कोहरे की चादर ने पूरे इलाके को सफेद कर रखा है कोहरे की वजह से सड़कों पर वाहनों का चलना भी कठिन हो गया है।

उधमपुर में ठंड का प्रकोप जारी है । वीरवार को तीसरे दिन भी तापमान 0 से 0.6 डिग्री नीचे दर्ज हुआ। हालांकि धूप निकलने से थोड़ी राहत जरूर है अगर सर्दी अपना भरपूर एहसास करवा रही है। वहीं जिला रियासी में सुबह और शाम को पड़ रही कड़ाके की सर्दी से लोग ठंड से ठिठुर उठे हैं। हालांकि दोपहर को खिल रही धूप सर्दी से राहत दे रही है । लेकिन सुबह और शाम को होने वाली ठंड कंपा देने वाली है । वीरवार दोपहर को धूप खिलने से काफी हद तक राहत महसूस की गई दोपहर को मौसम साफ और धूप खेलने से ठंड से राहत रही। 


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