जम्मू कश्मीर : लगातार पांचवे दिन भी नहीं हुए सूर्य देव के दर्शन, ठंड ने दिक्कतें बढ़ाई
ताजा बर्फबारी व बारिश और बादल छाए रहने से न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ातरी हुई है। जिससे रातों को हाड़ कंपा देने वाली ठंड से हल्की राहत मिली है।दिन के तापमान में गिराव़ट के साथ-साथ शीतलहर का कहर बना हुआ है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : बादलों और कोहरे ने सूर्य देव को अपने आगोश में ले रखा है जिसके चलते पिछले पांच दिनों से सूर्य देव के दर्शन नहीं हो सके हैं।लोग धूप के इंतजार में तर्स रहे हैं।इस समय जारी ठंड का प्रकोप इस कदर परेशान कर रहा है कि हर किसी धूप निकलने का इंतजार है। धूप न निकलने से ठंड इस कदर बढ़ गई है कि जन जीवन अस्त व्यस्त सा हो गया है। न सुबह जल्द बिस्तर छोड़ना संभव हो पा रहा है और कोई खुल कर काम हो पा रहा है।
शाम ढलते-ढलते फिर से कोहरा इतना छा जाता है कि हर कोई जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहता है। कडाके की ठंड के बीच उच्च पहाड़ी क्षेत्रों पर हल्की बर्फबारी बीच-बीच हो रही है। जम्मू संभाग के मैदानी क्षेत्रों में कोहरा इस कदर छाया हुआ है कि सुबह देर तक पेड़ों से पानी टपकता रहता है।पानी पर भी पाला जमा होता है।
ताजा बर्फबारी व बारिश और बादल छाए रहने से न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ातरी हुई है। जिससे रातों को हाड़ कंपा देने वाली ठंड से हल्की राहत मिली है।दिन के तापमान में गिराव़ट के साथ-साथ शीतलहर का कहर बना हुआ है।गुलमर्ग समेत वादी के अधिकांश ऊपरी इलाकों में बर्फ की ताजा चादर बिछ चुकी है। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार उक्त इलाकों में हल्की बर्फबारी जारी रही जबकि श्रीनगर समेत वादी के निचले इलाकों में रुक रुक कर हल्की बारिश।
पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर प्रभाव जम्मू-कश्मीर में दिख रहा है।मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार कश्मीर में ताजा हिमपात। जम्मू के मैदानी इलाकों में हल्की बारिश और कश्मीर के मैदानी इलाकों में हल्की बर्फबारी और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके बाद 21 और 22 जनवरी के दौरान जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम हिमपात की संभावना है। दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में जनवरी के अंत तक किसी भी बड़ी बारिश, हिमपात का कोई पूर्वानुमान नहीं है।
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि जिसे स्थानीय रूप से चिल्लई कलां के नाम से जाना जाता है, जो 21 दिसंबर से शुरू हुई थी, 31 जनवरी को समाप्त होगी।वहीं जम्मू के लोगों अनुसार लोहड़ी वाला महीना जम्मू क्षेत्र का सबसे ठंडा महीना रहता है। जिस का असर दिख रहा है।कोहरे के साथ शीतलहर इस कदर परेशान कर रही है कि जीवन की रफ्तार थम सी गई है।