सीटू ने लापता श्रमिकों के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की याचिका दायर, निष्पक्ष जांच की मांग
जिस दिन यह मुठभेड़ हुई है उससे चंद घंटे पहले ही राजौरी के तीन श्रमिक इबरार अहमद मोहम्मद इम्तियाज और मोहम्मद इबरार जो कश्मीर में रोजी-राटी कमाने आए थे अचानक लापता हो गए।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से संबधित श्रमिक संगठन सीटू (सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन) ने राजौरी से लापता तीन श्रमिकों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक याचिका दायर कर, निष्पक्ष जांच की मांग की है। सीटू ने अपनी याचिका में दावा किया है कि तीनों लापता श्रमिकों को शोपियां में हुई एक मुठभेड़ में तथाकथित तौर पर आतंकी बताकर मार गिराया गया है।
सीटू की जम्मू कश्मीर इकाई के महासचिव ओम प्रकाश ने सर्वाेच्च न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकट सुभाष चंद्रन के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर करते हुए लापता श्रमिकों के परिजनों के लिए पर्याप्त मुआवजा राशि जारी करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने अपनी याचिका में बताया है कि 18 जुलाई को अमशीपोरा शोपियां में एक मुठभेड़ में सेना के जवानों ने तीन अज्ञात आतंकियों को मार गिराया था। जिस दिन यह मुठभेड़ हुई है, उससे चंद घंटे पहले ही राजौरी के तीन श्रमिक इबरार अहमद, मोहम्मद इम्तियाज और मोहम्मद इबरार जो कश्मीर में रोजी-राटी कमाने आए थे, अचानक लापता हो गए।
ये तीनों मुठभेड़ स्थल से कुछ ही दूरी पर एक किराए के मकान में रह रहे थे। तीनों लापता श्रमिकों के परिजनों ने 10 अगस्त को राजौरी में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है, जिसमें कहा गया है कि अमशीपोरा मुठभेड़ काेई आतंकी नहीं मरा है, बल्कि उनके लापता परिजनों को आतंकी बताकर एक फजीँ मुठभेड़ में मार गिराया गया है।
ओम प्रकाश ने इस पूरे मामले की एक निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए सभी तथ्य सार्वजनिक करने का आग्रह किया है।
उन्होंने मानवाधिकार आयेाग से यह भी आग्रह किया कि वह संबधित प्रशासन से मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब करें और अमशीपोरा में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई को सुनिश्चित बनाएं।