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Jammu Kashmir : मुख्य सचिव मेहता के निर्देश- अमरूट के तहत प्रोजेक्ट 2022 तक पूरे किए जाएं

जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन के बाद 83 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए। इनमें 74 प्रोजेक्ट की लागत 513.13 करोड़ थी। शेष 9 प्रोजेक्ट स्टेट शेयर के तहत थे।कुल 83 प्राेजेक्ट में से 62 पूरे हो चुके हैं।शेष 21 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 09:09 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 09:10 AM (IST)
Jammu Kashmir : मुख्य सचिव मेहता के निर्देश- अमरूट के तहत प्रोजेक्ट 2022 तक पूरे किए जाएं
मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि सभी प्रोजेक्ट को जल्द पूरा किया जाए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने जम्मू कश्मीर में केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए कि अमरूट के तहत चल रहे प्रोजेक्टों को मार्च 2022 तक पूरा किया जाए।प्रोजेक्ट में लापरवाही की वजह से देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आवास एवं शहरी विकास की अमरूट योजना के अलावा स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री स्वानिधि योजनाओं की समीक्षा भी की।

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अधिकारियों ने बैठक में मुख्य सचिव को बताया कि अमरूट योजना को जम्मू कश्मीर में 2015 में लांच किया गया था और इसका मकसद पीने के पानी की सप्लाई, सीवरेज, शहरी ट्रांसपोर्ट वाहन समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाना था। पूर्व जम्मू कश्मीर के 5 शहरों में 91 प्रोजेक्ट चलाए जिनकी लागत 593 करोड थी। जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन के बाद 83 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए। इनमें 74 प्रोजेक्ट की लागत 513.13 करोड़ थी। शेष 9 प्रोजेक्ट स्टेट शेयर के तहत थे।कुल 83 प्राेजेक्ट में से 62 पूरे हो चुके हैं।शेष 21 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। 62 प्रोजेक्ट 394 . 55 करोड़ की लागत से पूरे हुए हैं।

मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि सभी प्रोजेक्ट को जल्द पूरा किया जाए। जम्मू के पजतीर्थी में बहुमंजिला पार्किंग स्थल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तीन मंजिलें पहले पूरी हो चुकी है और चौथी मंजिल जनवरी 2022 तक पूरा किया जाए अगर संबंधित एजेंसी ने देरी की तो इसका कारण बताना होगा। उन्होंने कहा कि सभी निकायों के साथ 18 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक होगी। यह पता किया जाएगा कि क्या घर घर जाकर कचरा उठाने की प्रक्रिया शुरू हुई है या नहीं।

प्रशासनिक काउंसिल का फैसला : प्रशासनिक काउंसिल ने जम्मू कश्मीर एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी को दस मैगावाट तक की पन बिजली परियोजनाओं को बहाल करने या विकसित करने को मंजूरी दे दी है और साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग को सोलर, विंड और बायोमास एनर्जी के विकास के लिए नोडल विभाग बनाया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक काउंसिल ने जम्मू-कश्मीर एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी को यह अधिकार दे दिए कि वह दो से 10 मेगावाट तक छोटी परियोजनाओं को बहाल या विकसित कर सकती है। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, फारूक खान, मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतिश्वर कुमार शामिल हुए। संबंधित एजेंसी छोटी पनबिजली परियोजनाओं को दूरदराज के इलाके में स्थापित कर पाएगी और 2 मेगावाट से लेकर 10 मेगावाट तक की छोटी पनबिजली परियोजना स्थापित कर पाएगी। एजेंसी अगले 54 महीनों में 70 छोटी पन बिजली परियोजनाएं विकसित करेगी। इससे जम्मू कश्मीर के सामाजिक व आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।


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