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जम्मू-कश्मीर : 31 मार्च 2022 तक सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में केजी कक्षाएं होगी : मुख्य सचिव अरुण मेहता

स्कूलों को मान्यता देने के लिए पोर्टल तैयार किया गया है और फीस निर्धारित करने के लिए कमेटी का गठन हुआ है। सरकार जनजाति और पिछड़े वर्ग पर खास ध्यान दे रही है और 15 गर्ल्स हॉस्टल बनाए गए हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 10:25 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 10:25 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर : 31 मार्च 2022 तक सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में केजी कक्षाएं होगी : मुख्य सचिव अरुण  मेहता
मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने कहा है कि सभी प्राइमरी स्कूलों में केजी की कक्षा उपलब्ध करवा दी जाएगी।

जम्मू, राज्य ब्यूराे। मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 31 मार्च 2022 तक सभी प्राइमरी स्कूलों में केजी कक्षा उपलब्ध करवा दी जाएगी। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग से कहा कि वह परामर्श अध्यापक के प्रयास करें ताकि पढ़ाई के बेहतर परिणाम सामने आ सकें।

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स्कूल शिक्षा विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत सभी प्राइमरी स्कूलों में केजी की कक्षा उपलब्ध करवा दी जाएगी। उन्हें बताया गया कि सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 2207296 है। जिसमें से 80 फीसद सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ते हैं। आंकड़ों के अनुसार प्राइमरी, अपर प्राइमरी, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर पंजीकरण दर क्रमश 111.65, 80.53, 72.52 60.53 फीसद है। प्रशासनिक सचिव ने बताया कि विभाग ने स्कूलों में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए हैं और पारदर्शी तबादला नीति बनाई है।

स्कूलों को मान्यता देने के लिए पोर्टल तैयार किया गया है और फीस निर्धारित करने के लिए कमेटी का गठन हुआ है। सरकार जनजाति और पिछड़े वर्ग पर खास ध्यान दे रही है और 15 गर्ल्स हॉस्टल बनाए गए हैं इसी तरह के 25 गर्ल्स हॉस्टल चालू वित्त वर्ष के अंत तक बन जाएंगे। मिड मिड डे मील योजना के तहत विभाग ने राशन की सप्लाई बच्चों के घरों तक की है और खाना बनाने का मूल्य भी सीधे उनके खाते में डाला गया है। मुख्य सचिव ने नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि सभी 8000 सरकारी प्राइमरी स्कूलों में केजी शुरू की जाए। विंटर जोन के स्कूलों में 2 महीने के भीतर और समर जोन में 31 मार्च 2022 तक इसको पूरा किया जाए। तलाश योजना के तहत मुख्य सचिव ने विभाग से कहा कि वह पंचायत स्तर यह सुनिश्चित बनाएं कि सभी बच्चे स्कूल जाएं।

ड्राप आउट पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इसके लिए अध्यापकों को जवाबदेह बनाया जाए और गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जाए विभाग को ड्रॉपआउट काम करने खासकर हायर सेकेंडरी स्तर पर इसमें कमी लाई जाए। उन्होंने सभी सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी का सिस्टम लागू करने पर जोर दिया विशेषकर दूरदराज के इलाकों में उन्होंने छठी कक्षा से ऊपर के बच्चों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग और डिजिटल लैब स्थापित करने पर जोर दिया और से 31 मार्च 2022 तक पूरा करने के लिए कहा। मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में पीने का पानी बिजली और साफ-सफाई के प्रबंध होने चाहिए।


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