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Jammu : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में बदलाव जरूरी : भटनागर

भटनागर बुधवार को जम्मू-कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन की पाठ्य पुस्तकों में बेहतर तथ्यों को शामिल करने संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला काे संबाेधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन स्टेट काउंसिल आफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से किया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 07:00 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 07:00 PM (IST)
Jammu : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में बदलाव जरूरी : भटनागर
कार्यशाला का आयोजन स्टेट काउंसिल आफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से किया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर ने कहा कि जरूरत के अनुसार ही शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए। भटनागर बुधवार को जम्मू-कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन की पाठ्य पुस्तकों में बेहतर तथ्यों को शामिल करने संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला काे संबाेधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन स्टेट काउंसिल आफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से किया।

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कार्यशाला में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बीके सिंह, बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन जम्मू कश्मीर की चेयरपर्सन प्रो. वीना पंडिता, स्कूल शिक्षा विभाग कश्मीर के निदेशक तसद्दुक हुसैन मीर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बरकुटला विश्वविद्यालय, जम्मू विश्वविद्यालय, शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों ने भाग लिया। सलाहकार राजीव राय भटनागर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में बदलाव जरूरी है। शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से लागू करके ही हम शिक्षा क्षेत्र में अहम बदलाव ला सकते हैं। राष्ट्र के विकास व खुशहाली में शिक्षा को अहम करार देते हुए उन्होंने कहा कि समाज व दुनिया बनने से ही शिक्षा व प्रशिक्षण इसका अहम हिस्सा रहे हैं।

शिक्षा के ढांचे का विस्तार जरूरी है। हमारे देश में युवा पीढ़ी की जनसंख्या अधिक है। हमें राष्ट्र विकास के लिए युवाओं की शक्ति का सही इस्तेमाल करने की जरूरत है। जरूरत के अनुसार ही शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए। भटनागर ने सभी प्रतिभागियों से कहा कि वे अपने अकादमिक अनुभव, ज्ञान और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल कर लक्ष्य हासिल करें। प्रमुख सचिव बीके सिंह ने कहा कि पाठ्य पुस्तकों में क्षेत्रीय तथ्यों को शामिल किए जाने की जरूरत है। स्वागत भाषण में बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन जम्मू कश्मीर की चेयरपर्सन प्रो. वीना पंडिता ने कहा कि पाठ्य पुस्तकों में बेहतर तथ्य होने चाहिए।


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