Jammu Cable Car Project: जांच में उलझा प्रोजेक्ट, चंडीगढ़ व गुजरात फारेंसिक लेबोरेटरी ने जांच से किया मना
चंडीगढ़ और गुजरात सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की ओर से जांच की मनाही के बाद अब पुलिस केबल कार की टूटी रॉड की जांच प्राइवेट जांच एजेंसी से करवाने का फैसला लिया है।
जम्मू, अवधेश चौहान। जम्मू में पर्यटकों को लुभाने के लिए बहुप्रतीक्षित केबल कार हादसे के बाद यह परियोजना जांच के घेरे में फंस कर रह गई है। तीन माह बीत जाने के बाद हादसे की जांच के लिए चंडीगढ़ और गुजरात सेंट्रल फारेंसिक लेबोरेटरी ने मना कर दिया है। दुर्घटना की जांच जब तक पूरी नहीं होगी, केबल कार की शुरुआत नहीं हो सकती।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन फरवरी को इस परियोजना का उद्घाटन करना था, लेकिन 20 जनवरी को मॉक डिल के दौरान मजदूरों से लदी एक ट्रॉली की रॉड टूट गई थी। इसमें दो श्रमिकों की मौत हो गई थी, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। राज्यपाल के सलाहकार खुर्शीद अहमद गनई ने दुर्घटना की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा करवाए जाने के निर्देश दिए थे। अभी तक जांच के दौरान तीन मजिस्ट्रेट का ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन जांच पूरी नहीं हो पाई है।
प्राइवेट एफएसएल मांग रही 50 हजार रुपये : चंडीगढ़ और गुजरात सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की ओर से जांच की मनाही के बाद अब पुलिस केबल कार की टूटी रॉड की जांच प्राइवेट जांच एजेंसी से करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए दिल्ली की प्राइवेट कंपनी 50 हजार रुपये मांग रही है। पुलिस को जांच के पैसे के लिए कोर्ट जाना होगा। कोर्ट फिर जाकर जम्मू कश्मीर पुलिस मुख्यालय को पैसे जारी करने के निर्देश देगी। पैसे रिलीज होने के बाद ही जांच शुरू होगी। पैसा कब रिलीज होगा, कब जांच पूरी होगी और परियोजना लोगों को कब समर्पित की जाएगी, इस बारे में कुछ नहीं मालूम।
ऐसे तो निकल जाएगा टूरिज्म का सीजन : जम्मू में टूरिजम सीजन शुरू होने वाला है। मई में जम्मू कश्मीर में हजारों की संख्या में सैलानी पर्यटन स्थलों की ओर आएंगे। ऐसे में जम्मू केबल कार परियोजना से उम्मीद है कि केबल कार परियोजना लोगों को आकर्षित करेगी। अगर हादसे की जांच पूरी नहीं हुई तो स्थानीय और बाहरी टूरिस्ट महामाया की पहाडिय़ों पर बन रही केबल कार से तवी नदी का नजारा नहीं ले पाएगा।
जांच में ठेकेदरों की घोर लापरवाही आई थी सामने : प्रारंभिक जांच में ठेकेदरों की लापरवाही सामने आई थी, जिन्होंने तीन की क्षमता वाली ट्रॉली में छह मजदूरों को मॉक डिल एक्सरसाइज के लिए भेज दिया। जब तक मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक परियोजना शुरू नहीं हो पाएगी। सूत्रों के मुताबिक मजदूरों को बिना सेफ्टी किट और हेलमेट के ट्रायल के लिए भेजा गया। कोलकाता की दामोदर रोप वे इंडिया लिमिटेड कंपनी परियोजना पर काम कर रही है।
जांच रिपोर्ट आने पर ही शुरू होगी परियोजना: दामोदर रोप वे इंडिया लिमिटेड कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट एवं सीनियर एक्जीक्यूटिव रंजीत पकरासी का कहना है कि 'जांच रिपोर्ट जब तक नहीं आएगी, तब तक परियोजना शुरू नहीं हो पाएगी। बेशक सेक्शन एक पर काम चल रहा है। करीब सेक्शन वन में काम मई तक पूरा कर लिया जाएगा।
- मामले की जांच चल रही है। हादसा सेक्शन दो में हुआ था, लेकिन सेक्शन एक जो सवा किलोमीटर महामाया से पीरखो तक है, के बीच काम जारी है। कोशिश है परियोजना मई में शुरू हो जाए। शमीम वानी, एमडी, जम्मू कश्मीर केबल कार