Radio Tawi Dhara: सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू को मिला सामुदायिक रेडियो स्टेशन, 91.2 MHz पर 24 घंटे काम करेगा
प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान तवी नदी के नाम पर इस रेडियो स्टेशन का नाम ‘रेडियो तवी धारा रखा गया है । जम्मू संभाग एवं यूनिवर्सिटी के आसपास के स्थानीय लोक कलाओं सांस्कृतिकसामाजिक विकास संबंधी एवं कृषि से जुड़े विशेषज्ञों की सहभागिता रेडियो कार्यक्रम बनाने में रहेगी ।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । लम्बे इंतजार और लगभग 12 मंत्रालयों से गुजरते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,भारत सरकार ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू के नाम सामुदायिक रेडियो स्टेशन चलाने की अनुमति दे दी है। जल्दी ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी परिसर में स्टूडियो के लिए निर्माण कार्य शुरू होगा।
91.2 MHz पर 24 घंटे चलने वाला यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन पूरी तरह मास कम्यूनिकेशन, पत्रकारिता एवं विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के छात्रों द्वारा चलाया जाएगा। इसे लेकर यूनिवर्सिटी के छात्रों में काफी उत्साह है । रेडियो तवी धारा, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में किसी भी शैक्षणिक परिसर में स्थापित होने वाला पहला सामुदायिक रेडियो होगा, जो कि पूरी तरह विद्यार्थियों द्वारा संचालित किया जाएगा।
प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान तवी नदी के नाम पर इस रेडियो स्टेशन का नाम ‘रेडियो तवी धारा , रखा गया है । जम्मू संभाग एवं यूनिवर्सिटी के आसपास के स्थानीय लोक कलाओं ,सांस्कृतिक,सामाजिक, विकास संबंधी एवं कृषि से जुड़े विशेषज्ञों की सहभागिता रेडियो कार्यक्रम बनाने में रहेगी । सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मीडिया विभाग इसकी देखरेख एवं संचालन करेगा। इस अवसर पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो अशोक ऐमा, रजिस्ट्रार रवि कुमार, डा. जे एन बलिया एवं डॉ बच्चा बाबू मौजूद थे। सभी ने इस संदर्भ मास कम्यूनिकेशन विभाग को इसके लिए बधाई दी।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी इस सामुदायिक रेडियो केंद्र की स्थापना को लेकर पिछले छह सालों से लगातार यूनिवर्सिटी कुलपति के नेतृत्व में प्रयासरत था। प्रो. ऐमा ने अकादमिक लिहाज से इस रेडियो केंद्र को महत्वपूर्ण बताया और इसे लेकर मीडिया एवं जनसंचार विभाग को बधाई दी साथ ही इसके लिए अत्याधुनिक सुविधा युक्त स्टूडियो के लिए लगने वाली धनराशि को भी जल्द आवंटित करने का आश्वासन दिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अनुशंगी संस्था ‘बेसिल ( ब्रॉड्कैस्ट इंजीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड ) द्वारा समझौता कर स्टूडियो का निर्माण किया जाएगा।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सामाजिक एवं मानविकी विभागों के अलावा पर्यावरण एवं व्यावहारिक विज्ञान के छात्रों को भी रेडियो कार्यक्रम बनाने से लेकर प्रसारण तक में जोड़ने की बात कही है । इस खबर से सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अलावा स्थानीय लोगों में भी काफी उत्साह देखा गया है ।