जम्मू कश्मीर में 15 साल से रहने वाले नागरिक होंगे डोमिसाइल के हकदार
केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2020 को गजट अधिसूचना जारी कर जम्मू-कश्मीर के लिए डोमिसाइल के नियम और शर्तें तय कर दी हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : केंद्र सरकार ने बुधवार को एक अहम फैसले में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल लागू कर दिया है। अब प्रदेश में 15 साल से रह रहे नागरिक इस डोमिसाइल के हकदार होंगे। जिन बच्चों ने सात वर्ष तक प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई की है और दसवीं या बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी है, वे भी डोमिसाइल के हकदार होंगे। केंद्र सरकार ने गजट अधिसूचना जारी कर डोमिसाइल के नियम और शर्तें भी तय कर दी हैं। लेवल-चार तक की नौकरियों के लिए डोमिसाइल होना जरूरी होगा। इससे स्थानीय युवाओं को राहत मिलेगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आर्डर 2020 (राज्य कानूनों का अनुकूलन) जारी कर दिया है। जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विस विकेंद्रीयकरण और भर्ती कानून 16 ऑफ 2010 में बदलाव किया गया है। उसमें नौकरियों और डोमिसाइल के नियम और शर्तें तय की गई हैं।
पंजीकृत विस्थापित भी डोमिसाइल होंगे : प्रदेश में राहत और पुनर्वास आयुक्त (माइग्रेंट) के साथ पंजीकृत विस्थापित भी डोमिसाइल के हकदार होंगे। जिन बच्चों के अभिभावक प्रदेश में 15 साल से रह रहे हैं या विस्थापित के तौर पर पंजीकृत हैं, उन्हें भी डोमिसाइल का लाभ मिलेगा।
दस साल तक काम करने वाले केंद्र के अधिकारी भी हकदार : केंद्र सरकार के अधिकारी, ऑल इंडिया सर्विस अधिकारी, सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी, केंद्र सरकार के स्वायत इकाइयां, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, केंद्रीय विश्वविद्यालय और पंजीकृत रिसर्च संस्थानों में दस साल तक काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चे भी डोमिसाइल के हकदार होंगे।
बाहरी राज्यों में रह रहे प्रदेश के बच्चे भी हकदार : जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के बच्चे जो बाहरी राज्यों में नौकरियां, व्यापार या अन्य पेशेवर कामों के लिए रह रहे हैं, अगर उनके अभिभावक नियम व शर्तें पूरी करते हैं तो वे भी डोमिसाइल के हकदार होंगे।
डोमिसाइल जारी करने का अधिकार तहसीलदार को होगा : कानून के तहत डोमिसाइल जारी करने का अधिकार तहसीलदार को होगा या सरकार इसमें कोई भी अधिकारी नियुक्त कर सकती है। अगर किसी को कोई समस्या होगी तो वह डिप्टी कमिश्नर के पास अपील कर सकता है।
स्टेट कैडर अब केंद्र शासित प्रदेश कैडर कहलाएगा : सरकारी नौकरियों में लेवल-चार (25500 रुपये ग्रेड) तक के पदों में आवेदन करने के लिए डोमिसाइल जरूरी होगा। कैंटोन बोर्ड पर यह लागू नहीं होगा। स्टेट कैडर अब केंद्र शासित प्रदेश कैडर कहलाएगा। इसी तरह स्टेट सर्विस सिलेक्शन बोर्ड का नाम सर्विस सिलेक्शन बोर्ड होगा। राज्य के स्थायी नागरिक शब्द को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के डोमिसाइल से बदला गया है।
डोमिसाइल लागू करने की मांग बना हुआ था मुद्दा : अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पांच और छह अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 लागू किया गया था। इसके तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। पिछले काफी समय से विपक्षी पार्टियां जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल लागू करने की मांग करते हुए इसे मुद्दा बना रही थीं। पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र ङ्क्षसह ने कई बार आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल कानून जल्द आएगा, जिसमें स्थानीय लोगों के नौकरियों के हक सुरक्षित रहेंगे।
क्या होता है डोमिसाइल : यह एक ऐसा प्रमाणपत्र है, जो बताता है कि कोई नागरिक कितने साल से प्रदेश में रह रहा है। इससे प्रदेश के नागरिक के तौर पर व्यक्ति की पहचान होती है। नागरिक को उसी हिसाब से तय नियम व शर्तों के हिसाब से सुविधाएं मिलेंगी। केंद्र ने जम्मू कश्मीर में 15 साल तक रहने वाले नागरिक के लिए डोमिसाइल का प्रावधान रखा है।
क्या होगा लाभ : डोमिसाइल लागू होने का फायदा स्थानीय लोगों को मिलेगा। विभिन्न प्रोफेशनल, तकनीकी कोर्सों में आवेदन करने में डोमिसाइल काम आएगा। प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप योजना का फायदा भी डोमिसाइल वाले युवाओं को मिलेगा। प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप योजना सिर्फ प्रदेश के युवाओं के लिए ही लागू है। नीट का पेपर तो प्रदेश के युवा देंगे, लेकिन जम्मू कश्मीर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला प्रदेश के डोमिसाइल वालों को ही मिलेगा।