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Union Territory Ladakh: शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में केंद्र की कार्रवाई जारी

लेह में मंगलवार को हुई बैठक में स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने दूरदराज इलाकों में नए स्कूल खोलने अध्यापकों की तैनाती के साथ खेलों को बढ़ावा देने के लिए नए खेल मैदान बनाने के साथ स्थानीय खेलों को प्रोत्याहन देने पर भी जोर दिया गया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 11:53 AM (IST)
विद्यार्थियों के लिए कम अध्यापक होना एक बड़ा मुद्दा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की कार्रवाई जारी है। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद लद्दाख के पहले दौरे पर आए संसदीय दल ने मंगलवार को लेह में उच्च स्तरीय बैठक में क्षेत्र में शिक्षा, महिला विकास खेल क्षेत्र की जरूरतों पर गौर किया।

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बैठक में प्रदेश प्रशासन, लेह हिल काउंसिल के पदाधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर दूरदराज इलाकों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई करने पर जोर दिया।

सांसद विनय सहस्रबुद्धे के नेतृत्व में आए इस दल ने लेह व कारगिल जिलों में महिला कल्याण, शिक्षा, युवा सेवा एवं खेल विभाग की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी ली। लेह में मंगलवार को हुई बैठक में स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने, दूरदराज इलाकों में नए स्कूल खोलने, अध्यापकों की तैनाती के साथ खेलों को बढ़ावा देने के लिए नए खेल मैदान बनाने के साथ स्थानीय खेलों को प्रोत्याहन देने पर भी जोर दिया गया। बैठक में लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नाम्गयाल ने भी हिस्सा लिया।

तीस सदस्यीय यह संसदीय दल लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे पर आया है। इस दौरान दल ने बैठकें करने के साथ कई सरकारी व निजी स्कूलों का भी दौरा किया। दौरे के दौरान लद्दाख में क्षेत्र की जरूरतों के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद यह दल दिल्ली लौटने के बाद अपनी रिपोर्ट देगा। लद्दाख के दूरदराज हिस्सों में शिक्षा को बढ़ावा देने का मसला कई बार केंद्र सरकार से उठाया गया है। क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए कम अध्यापक होना एक बड़ा मुद्दा है।

इस समय लद्दाख के 907 सरकारी स्कूलों में करीब 22 हजार बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं क्षेत्र के 112 निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या 28 हजार है। प्रदेश में सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के बराबर लाने की दिशा में कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। 


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