Jammu Kashmir : तीन दिन तक ब्लैक डे मनाकर साल 1966 के आंदोलन के शहीदों को याद करेंगे
जम्मू के लिए अलग विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज और कृषि विश्वविद्यालय को लेकर साल 1966 में हुए आंदोलन के शहीद विद्यार्थियों को याद किया जाएगा। जम्मू संभाग के कालेजों में हर साल शहीद विद्यार्थियों की याद में 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तीन दिन तक ब्लैक डे मनाए जाते है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू के लिए अलग विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज और कृषि विश्वविद्यालय को लेकर साल 1966 में हुए आंदोलन के शहीद विद्यार्थियों को याद किया जाएगा। जम्मू संभाग के कालेजों में हर साल शहीद विद्यार्थियों की याद में 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के बीच तीन दिन तक ब्लैक डे मनाए जाते है। इस दौरान कालेजों में पढ़ाई नहीं होती है।
चूंकि इस समय कोरोना से उपजे हालात के कारण कालेजों में पढ़ाई नहीं हो रही है लेकिन स्टाफ आ रहा है। फिर भी छात्र संगठन तीन दिन तक ब्लैक डे मनाएंगे। शहीदों को नमन करने के लिए सारे कार्यक्रम होंगे। साल 1966 में चार विद्यार्थी शहीद हो गए थे। उनकी याद में साइंस कालेज जम्मू के बाहर शहीदी स्थल बनाया गया है। शहीदी स्थल में 16 अक्टूबर को पहले दिन साइंस कालेज के प्रिंसिपल, स्टाफ सदस्य, अन्य कालेजों के स्टाफ सदस्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। पहले दिन से ही जम्मू ज्वाइंट स्टूडेंट फेडरेशन के कार्यकर्ता तीन दिन तक अनशन पर बैठेंगे और 18 अक्टूबर को अनशन समाप्त होगा। इस दिन जम्मू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर या कोई अन्य वरिष्ठ अधिकारी जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाएंगे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया, नेशनल सेक्युलर फोरम, पैंथर्स पार्टी व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शहीदी स्थल जाकर शहीद विद्यार्थियों को याद करेंगे।
- वर्ष 1966 में विद्यार्थियों के आंदोलन में पुलिस फायरिंग में बृज मोहन शर्मा, सुभाष चंद्र, गुलशन हांडा और गुरचरण सिंह शहीद हो गए थे। उस दिन से लेकर हर वर्ष शहीद विद्यार्थियों को याद किया जाता है।
- साल 1966 में हुए आंदोलन के बाद साल 1969 में जम्मू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। जम्मू कश्मीर में पहले एक ही कश्मीर विश्वविद्यालय होता था जो साल 1948 में बना था। बाद में मेडिकल कालेज जम्मू साल 1973 में और शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय जम्मू साल 1999 में बना।