Jammu: स्वच्छ दीवाली मनाएं, ताकि अच्छा रहे स्वास्थ्य
विदेशी पटाखों पर रोक लगने से प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों में कमी तो आएगी लेकिन असली कमी तभी आएगी जब लोग पूरी तरह से पटाखों को चलाना बंद कर देंगे। इस बार हमारी लोगों से यही अपील है कि वे दिवाली में पटाखों न चलाएं।
जम्मू, जागरण संवाददाता: दीयों के त्योहार दिवाली को इस बार लोग स्वच्छ व स्वस्थ मनाएं और अपने आसपास व पर्यावरण को भी बचाएं। यह अपील पर्यावरणविद लोगों से कर रहे हैं। उनका कहना है कि पर्यावरण को पहले ही प्रदूषण की काफी मार पड़ चुकी है। ऐसे में दिवाली में पटाखों से निकलने वाले धुंए से प्रदूषण बढ़ेगा। अगर लोग पटाखे कम या न चलाएं तो प्रदूषण को काफी हद तक रोका जा सकता है।
पर्यावरणविद सीएम शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ समय में दिवाली के पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर लोग जागरूक हुए हैं। अभी और प्रयास करने पड़ेंगे। इस दिवाली लोग पटाखों की जगह मिट्टी के दीप जलाएं और पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दें। बच्चे सबसे जल्दी सीखते हैं। अगर बच्चों को पटाखों से होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण के बारे में बताया जाए तो वे पटाखे चलाने की जिद नहीं करेंगे। पर्यावरणविद दर्शन कुमार ने कहा कि दिवाली रोशनी का त्योहार है। इस दिन दीप जलाएं। अपने घरों को साफ करें, उन्हें सजाएं।
विदेशी पटाखों पर रोक लगने से प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों में कमी तो आएगी, लेकिन असली कमी तभी आएगी जब लोग पूरी तरह से पटाखों को चलाना बंद कर देंगे। इस बार हमारी लोगों से यही अपील है कि वे दिवाली में पटाखों न चलाएं।
घरों में जलाएं मिट्टी के दीपक: दिवाली को देखते हुए इस समय कुम्हार भी दीयों को बनाने में जुटे हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि दिवाली में उनके दीयों की काफी बिक्री होगी। पिछले कुछ समय से दीयों की बिक्री दिवाली में बढ़ी है। इसको देखते हुए कुम्हार अपने पूरे परिवार के साथ इस बार पहले से अधिक दीए बना रहे हैं। वे लाल रंग से उन्हें सजा रहे हैं जो लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। लोगों को भी चाहिए कि वे अपने घरों में मिट्टी के दीये जलाएं, इससे कुम्हारों को भी कुछ आमदनी हो जाएगी।