PoK के अथमुकाम में पाक सेना का भारी नुकसान, जवाबी कार्रवाई में पाक ब्रिगेड हैडक्वाटर क्षतिग्रस्त
Ceasefire violation सैन्य अधिकारियों ने अभी तक पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड हैडक्वाटर को नुकसान पहुंचने की पुष्टि नहीं की है।
जम्मू, जेएनएन। जिला कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा से सटे तंगधार इलाके में गत रात को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई बिना उकसावे की गोलाबारी के जवाब में भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है। तंगधार के सामने गुलाम कश्मीर के अथमुकाम क्षेत्र में स्थित पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड हैडक्वाटर को गोलाबारी में काफी क्षति पहुंची है। हालांकि सैन्य अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है परंतु स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तानी सैनिकों ने बुधवार देर रात सीजफायर उल्लंघन के दौरान जब भारी हथियारों का इस्तेमाल किया तो भारतीय जवानों ने भी जवाब में उन पर गोले बरसाए। पाकिस्तानी सेना का ब्रिगेड हैडक्वाटर गोलों की हद में आ गया और इसमें उसे काफी नुकसान पहुंचा।
दरअसल पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना उस समय आक्रामक हो गई जब पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के तंगधार सेक्टर में गत रात को अचानक बिना उकसावे के लगातार फायरिंग शुरू कर दी। सतर्क भारतीय जवानों ने भी इस गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान का मकसद भारत की सीमा में घुसपैठ कर रहे आतंकियों को कवर फायर देना था। सैन्य सूत्रों का कहना है कि अथमुकाम इलाके में ही जैश और लश्कर के लॉचिंग पैड भी मौजूद हैं। इसके अलावा पाकिस्तान सेना के विशेष विंग स्पेशल स्ट्राइक ग्रुप (एसएसजी) का यूनिट भी इसी इलाके में मौजूद है। भारतीय सेना को काफी देर से यह सूचनाएं मिल रही थी कि इन लॉचिंग पैड पर बड़ी संख्या आतंकी भारत में घुसपैठ करने के लिए तैयार है। इस वजह से पाकिस्तान बुधवार रात से ही फायरिंग कर रहा था।
सैन्य अधिकारियों ने अभी तक पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड हैडक्वाटर को नुकसान पहुंचने की पुष्टि नहीं की है। हालांकि इससे पहले भी गत अक्टूबर में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए सीजफायर उल्लंघन में दो भारतीय जवानों के शहीद व एक नागरिक की जान लेने के जवाब में गुलाम कश्मीर की नीलम घाटी में पनप रहे आतंकी कैंपों की ओर अपनी तोपें मोड़ते हुए जूरा, अथमुकाम और कुंदलशाही में स्थित आतंकी लांच पैड तबाह कर दिए थे।
सनद रहे कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी यह कह चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हालात कभी भी खराब हो सकते हैं। परंतु सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले महीने लोकसभा में यह जानकारी भी दी थी कि अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की 950 घटनाएं दर्ज की गई थी। यही नहीं इस साल अक्टूबर तक सीमा पार से घुसपैठ के 171 प्रयास किए गए हैं। सीमा पर इस गोलाबारी की आड़ में पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीमें भारतीय सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने की कोशिशें कर रही है।