Union Budget 2021: कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ सराहीय कदम, मगर पर्यटन की अनदेखी ठीक नहीं : चैम्बर
देश में 100 सैनिक स्कूल खोलने कस्टम डयूटी का समायोजन करने 75 साल से अधिक की आयु के वरिष्ठ नागरिकों को इंकम टेक्स रिर्टन फाइल करने में छूट देने आडिट की सीमा को पांच करोड़ रूपये से दस करोड़ करना स्वागत योग्य कदम है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम घोषणा किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन के लिए बजट में 35 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान से कोरोना की रोकथाम करने में मदद मिलेगी।
चैम्बर के प्रधान डा. अरुण गुप्ता ने कहा कि बजट में जम्मू-कश्मीर में उद्योगों और व्यापारी वर्ग के लिए कुछ नहीं है लेकिन राहत की बात यह है कि सरकार ने पहले ही 28 हजार करोड़ रुपये के औधोगिक पैकेज की घोषणा कर दी थी। जम्मू-कश्मीर गैस पाइप लाइन की घोषणा अहम फैसला है लेकिन जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। पर्यटन के क्षेत्र में जम्मू को हमेशा ही नजरअंदाज किया जाता रहा है।
जम्मू संभाग के बनी, सरथल, बसोहली, पंचैरी, पीर पंचाल, सुचेतगढ़, भद्रवाह को विकसित करने के लिए बजट में प्रावधान करने की उम्मीद की जा रही थी। उन्होंने देश में 100 सैनिक स्कूल खोलने, कस्टम डयूटी का समायोजन करने, 75 साल से अधिक की आयु के वरिष्ठ नागरिकों को इंकम टेक्स रिर्टन फाइल करने में छूट देने, आडिट की सीमा को पांच करोड़ रूपये से दस करोड़ करना स्वागत योग्य कदम है।
केंद्रीय बजट दिशाहीन, रोजगार के लिए कुछ नहीं : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस कमेटी जम्मू कश्मीर ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय बजट में जम्मू कश्मीर को नजरअंदाज किया गया है। रोजगार के अवसर जुटाने के लिए बजट में कुछ नहीं है। अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि केंद्रीय बजट दिशाहीन है। इसमें आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है। कोरोना से उपजे हालात के कारण युवाओं, किसानों को काफी नुकसान पहुंचा हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। कोरोना के कारण बढ़ी संख्या में लोगों के रोजगार छिन गए हैं। पेट्रोल सहित आवश्यक वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी हुई है। महंगाई से कोई राहत नहीं दी गई है। पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए बजट में शिक्षा पर छह फीसद का प्रावधान रखा जाना चाहिए था लेकिन शिक्षा बजट मात्र 3.26 फीसद है। बजट में वित्त मंत्री जम्मू कश्मीर को भूल गई है। जम्मू में पर्यटन, ट्रांसपोर्ट उद्योग को कुछ नहीं दिया गया है।