CCI Jammu Election: जानिए चैंबर चुनाव में कौन है नहले पर दहला और कौन दे रहा किसको मात
CCI Jammu Election अगर समस्या किसी विभाग से संबंधित रहती तो मेरी कोशिश रहती है कि विभागीय अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान ढूंढा जाए। आखिर हम अपने व्यापारियों-उद्यमियों की सेवा के लिए ही तो चैंबर में आते है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू संभाग के उद्योग व व्यापार क्षेत्र के सबसे बड़े संगठन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू की टीम में जगह हासिल करने के लिए इस समय 21 उम्मीदवार जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। चैंबर के करीब दो हजार सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए उम्मीदवार दिन-रात प्रचार में जुटे है।
कुछ पदों के लिए त्रिकोणीय मुकाबला है तो कुछ पर अधिक उम्मीदवार उतरने से मामला पेचिदा हो गया है लेकिन एक पद ऐसा है जिसमें दो उम्मीदवार सीधे-सीधे भिड़ रहे हैं लेकिन इस दंगल में अनुभवी युवा उम्मीदवार भारी पड़ते नजर आ रहे है। व्यापार जगत में इनको अधिक पसंद इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अपने दो कार्यकाल के दौरान वह हर परेशानी में व्यापारियों व उद्योगपतियों के साथ खड़े रहे। यह वो उम्मीदवार है जिसने व्यापारियों को प्रताड़ित किए जाने पर एक्साइज एंड टेक्सेशन विभाग के कार्यालय पर ताला जड़ कर साफ कर दिया था कि चैंबर में उनका पद चाहे छोटा है लेकिन हौंसला बुलंद है।
जी हां। हम बात कर रहे है चैंबर के निवर्तमान कोषाध्यक्ष आशु गुप्ता की जो इस बार चैंबर के कनिष्ठ उप-प्रधान पद के लिए मैदान में उतरे है। इस बार वो क्या एजेंडा लेकर आए है और किन कारणों से उन्हें इतना समर्थन मिल रहा है, यह जानने के लिए दैनिक जागरण के उप-मुख्य संवाददाता ललित कुमार ने बात की आशु गुप्ता से। पेश है इस बातचीत के मुख्य अंश :
आप पहली बार जब चैंबर चुनाव में उतरे तो आपको रिकार्ड वोटों से जीत मिली। दूसरी बार कोई उम्मीदवार आपके सामने खड़ा ही नहीं हुआ। ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। कोई खास राज?
कुछ खास नहीं। सिर्फ लोगों का प्यार है। मेरे परिवार ने हमेशा व्यापारियों-उद्योगपतियों का सहयोग किया और सेवाभाव लेकर ही मै छह साल पहले चैंबर में आया था। पहली बार 1700 वोटों से जीत मिली जोकि चैंबर में ऐतिहासिक जीत थी। व्यापारियों व उद्योगपतियों के इस विश्वास से मेरी जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई। मै सिर्फ कोषाध्यक्ष था लेकिन उम्मीदें कहीं ज्यादा थी। इसलिए अपने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए न दिन देखा, न रात। शायद यहीं कारण था कि मेरे लोग मेरे काम से खुश हुआ और 2017 के चुनाव में मुझे निरविरोध कोषाध्यक्ष चुना।
आपके बारे में सभी एक खासियत बताते है कि जब भी कोई व्यापारी या उद्योगपति अपनी कोई समस्या लेकर चैंबर आता है तो आप सबसे पहले आगे आते है और उनकी समस्या को अपनी समस्या समझ कर काम करते है।
हमें लोग चुनते किस लिए है? इसीलिए कि अगर व्यापारियों-उद्यमियों को कोई समस्या हो तो हम उनका समाधान करवा सके। अगर हम चैंबर के पदाधिकारी हाेकर इसके लिए आगे नहीं आएंगे तो फिर क्या फायदा। मेरी हमेशा यहीं कोशिश रही है कि जो भी अपनी समस्या लेकर चैंबर आए, उसका समाधान निकाला जाए। अगर समस्या किसी विभाग से संबंधित रहती तो मेरी कोशिश रहती है कि विभागीय अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान ढूंढा जाए। आखिर हम अपने व्यापारियों-उद्यमियों की सेवा के लिए ही तो चैंबर में आते है।
क्या यहीं कारण है कि आपको चैंबर टीम में भी काफी महत्व मिला और कोषाध्यक्ष होने के बावजूद आप काफी सक्रिय रहे?
मैने अपने दो बार के कार्यकाल में सिर्फ वहीं किया जिसके लिए मुझे लोगों ने चुन कर भेजा था। मेरी टीम के वरिष्ठ सदस्यों को शायद मेरा काम अच्छा लगा, इसलिए मुझे अधिक जिम्मेदारियां मिलती रही।
इस बार कनिष्ठ उप-प्रधान पद के लिए मैदान में उतरे है। कोई खास योजना या एजेंडा?
मेरा एक ही एजेंडा है अपने व्यापारियों-उद्योगपति भाईयों के लिए काम करना। पद चाहे कोई भी हो। दो बार कोषाध्यक्ष रह चुका था। इसलिए लोग चाहते थे कि इस बार कनिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरू। अभी तक सबका प्यार व सहयोग मिला है। उम्मीद है कि इस चुनाव में भी यह प्यार, विश्वास व सहयोग मिलेगा और मै यूं ही अपने लोगों के लिए काम करता रहूंगा।