Jammu Kashmir: पत्नीटॉप जमीन घोटाला मामले में 11 ठिकानों पर सीबीआइ छापे
ऊधमपुर जम्मू व कठुआ में आरोपितों से की गई पूछ-ताछ जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर टैक्सेस विभाग व ट्रांसपोर्ट विभाग में भी पूछताछ- सीबीआइ ने 58 होटल व्यवसायियों पर भी दर्ज किया है केस
जम्मू , जागरण न्यूज नेटवर्क। जम्मू कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पत्नीटॉप में मास्टर प्लान के तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर होटल और रेस्तरां बनाने के आरोप में सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीबीआइ ने मंगलवार को इस मामले में जम्मू, ऊधमपुर व कठुआ में 11 ठिकानों पर पर एक साथ छापा मारकर आरोपितों से पूछताछ की।
सीबीआइ टीम ने जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय, स्टेट टेक्सेस विभाग व ट्रांसपोर्ट विभाग के कार्यालय में भी पूछताछ की। सीबीआइ टीम ने मामले में पत्नीटॉप विकास प्राधिकरण के तत्कालीन चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर केके गुप्ता, एमए मलिक व एसएम साहनी के अलावा मौजूदा समय में जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय में एडिशनल कमिश्नर के पद पर कार्यरत राकेश कुमार संग्राल, ज्वाइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रमन कुमार केसर, डिप्टी कमिश्नर सेल्स टैक्स रिकवरी राजेंद्र तथा प्राधिकरण के तत्कालीन इंस्पेक्टर अविश जसरोटिया व जहीर अब्बास के ठिकानों पर दबिश दी।
सीबीआइ टीमों ने इन अधिकारियों के घरों पर भी छापा मारा। सीबीआइ ने इस केस में 58 होटल व्यवसायियों पर भी केस दर्ज किया है, जिन पर मास्टर प्लान का उल्लंघन कर निर्माण करने का आरोप है। सीबीआइ टीम ने जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय में कार्यरत राकेश कुमार संग्राल, ट्रांसपोर्ट कार्यालय में ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत रमन कुमार केसर व डिप्टी कमिश्नर सेल्स टैक्स राजेंद्र से घंटों पूछताछ करने के साथ उनके घरों को भी खंगाला।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को इन ठिकानों से घाटाले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। वहीं केके गुप्ता, एमए मलिक व एसएम साहनी इस समय सेवानिवृत्त हो चुके हैं और टीम ने इनके घर जाकर इनसे पूछताछ की।
सीबीआइ की एक टीम ने ऊधमपुर के कुद स्थित पत्नीटॉप डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीडीए) के दफ्तर में छापा मारा। सूत्रों के मुताबिक, चंडीगढ़ से आए सीबीआइ के आइपीएस अधिकारी अखिलेश कुमार चौरसिया के नेतृत्व में टीम ने पीडीए के विभिन्न सीईओ और खिलाफवर्जी इंस्पेक्टरों के साथ निर्माण संबंधी रिकॉर्ड को खंगाला। टीम ने कुछ रिकॉर्ड को कब्जे में भी लिया है। इसके साथ ही बटोत में भी एक पीडीए में कार्यरत कर्मचारी के आवास पर भी छापेमारी की।
क्या है पूरा मामला :
पत्नीटॉप होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इलाके में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से मास्टर प्लान के तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख कर होटल और रेस्टोरेंट बनाए जा रहे हैं। इस मिलीभगत के चलते इलाके में 70 फीसद होटल रेस्तरां अवैध बन गए। यह भी आरोप है कि पत्नीटॉप विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते राज्य की सरकारी जमीन, फारेस्ट लैंड और ग्रीन बफर एरिया में भी रेस्तरां आदि बन गए। सालों तक यह मामला जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में चला, लेकिन कोई सकारात्मक नतीजे सामने न आता देख हाईकोर्ट ने इस बाबत 31 दिसबंर 2019 को सीबीआइ को मामले की जांच करने के निर्देश दिए। सीबीआइ ने जनवरी 2020 में इस मामले में औपचारिक एफआइआर दर्ज करते हुए तीस अधिकारियों की एक टीम गठित की, जो पिछले कई महीनों से ऊधमपुर और जम्मू में कैंप कर जांच कर रही थी।