फर्जीगन लाइसेंस मामले में सीबीआइ जांच में जुटी
जागरण संवाददाता जम्मू जम्मू-कश्मीर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए हथियारों के लाइसेंस आवंटित किए जाने के मामले में सीबीआइ ने गहनता से जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए हथियारों के लाइसेंस आवंटित किए जाने के मामले में सीबीआइ ने गहनता से जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ सबूत जुटाने के बाद कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार भी कर सकती है।
सबसे अधिक ज्यादा लाइसेंस जम्मू संभाग के पांच जिलों उधमपुर, डोडा, रामबन, रियासी, राजौरी से आवंटित हुए, जबकि कश्मीर डिवीजन से कुपवाड़ा और बारामुला शामिल है। वर्ष 2012 से वर्ष 2018 के बीच फर्जी दस्तावेजों पर आवंटित हुए लाइसेंसों के आवंटन में कथित तौर पर आइएएस अधिकारी शामिल हैं। इनमें से अधिकतर ट्रांसफर हो गए हैं, जबकि उनमें से एक तो रिटायर भी हो गया हैं। विगत दिवस चंडीगढ़ से आई सीबीआइ टीम ने जम्मू के सतवारी, मंगल मार्केट शिवमार्केट सहित सात गन विक्रताओं के लाइसेंस चेक कर यह भी जाना था कि उन्होंने किस आधार पर हथियार बेचे। टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हथियार बेचे जाने के दस्तावेजो की तस्दीक भी की। जम्मू-कश्मीर सरकार की अनुमति से इस संबंध में दो मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से दो आरोपी उपायुक्त है। उसमें से एक आरोपी को सीबीआइ ने नामजद किया है, जबकि दूसरा राजौरी जिले का है, जो उपायुक्त के पद से रिटायर्ड है, उसे भी नामजद किया गया है। सीबीआइ की चंडीगढ़ इकाई ने आरोपितों के खिलाफ आपराधिक साजिश, और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के अलावा शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की थी। मामला जम्मू-कश्मीर में विभिन्न अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से हथियारों के लाइसेंस जारी करने से जुड़ा है। जम्मू-कश्मीर कैडर के कुछ आईएएस अधिकारियों के भी संलिप्त होने की बात सामने आयी थी। एटीएस ने अनुमान लगाया था कि पिछले एक दशक में इस आतंक-प्रभावित राज्य के विभिन्न जिलों में करीब 4.29 लाख हथियार लाइसेंस जारी किए गए।