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Jammu Kashmir: सब-इंस्पेक्टर्स की वरिष्ठता सूची को खारिज करने के कैट के फैसले पर रोक

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने कैट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें कैट ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की एग्जीक्यूटिव विंग के सब-इंस्पेक्टर्स की वरिष्ठता सूची को खारिज कर दिया था। इस मामले में दायर याचिकाओं में तर्क दिया गया था

By VikasEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 09:45 AM (IST)
Jammu Kashmir: सब-इंस्पेक्टर्स की वरिष्ठता सूची को खारिज करने के कैट के फैसले पर रोक
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने कैट के उस फैसले पर रोक लगा दी है

जम्मू, जेएनएफ । जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने कैट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें कैट ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की एग्जीक्यूटिव विंग के सब-इंस्पेक्टर्स की वरिष्ठता सूची को खारिज कर दिया था। इस मामले में दायर याचिकाओं में तर्क दिया गया था कि विभाग ने सीधी भर्ती में लिखित परीक्षा के मेरिट की अनदेखी करके ट्रेनिंग कोर्स के मेरिट को आधार बनाकर वरिष्ठता सूची तैयार की।

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इस पर कैट ने नौ दिसंबर 2020 को वरिष्ठता सूची को खारिज करते हुए परीक्षा में आए मेरिट के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में जस्टिस डीएस ठाकुर व जस्टिस सिंधु शर्मा ने कैट के इस फैसले पर रोक लगाते हुए पुलिस विभाग को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई तक कैट के फैसले पर अमल न करने का निर्देश दिया। बेंच ने पाया कि ट्रेनिंग करने के पश्चात उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई, लिहाजा कोर्स में मेरिट को भी नजअंदाज नहीं किया जा सकता।

इसी बीच एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने सात साल से लापता सीआरपीएफ के एक जवान को मृत जानकर सीआरपीएफ अधिकारियों को जवान के परिजनों को नियमानुसार सभी लाभ देने के निर्देश दिए है। सीआरपीएफ ने जवान को भगौड़ा घोषित किया था जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए जवान को मृत मानने का निर्देश दिया। लापता जवान की पत्नी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसके पति आशा राम सीआरपीएफ की 16वीं बटालियन में हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। बटालियन बन तालाब जम्मू में तैनात थी और जून 2010 को उसे कंपनी कमांडर का फोन आया जिसमें उन्होंने बताया कि आशा राम सब्जी लेने बाहर गया था लेकिन लौट कर नहीं आया। उन्होंने अपने स्तर पर भी तलाश करने की कोशिश की लेकिन कहीं पता नहीं चला।


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