Jammu: प्रशासनिक सदस्यों की वरिष्ठता सूची को कैट ने किया रद, कई प्रशासनिक सदस्यों ने दी थी सूची को चुनौती
याचिका कर्ताओें की ओर से वरिष्ठ वकील अभिनव शर्मा और अभिमन्यु शर्मा ने पक्ष रखा जिसमें बताया गया कि जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा का गठन वर्ष 1965 में किया गया जिसमें अधिकारी जूनियर स्केल से शुरू होकर सीनियर स्केल टाइम तक जाता है।
जेएनएफ, जम्मू : सेंट्रल एडमिनीस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सदस्यों की वरिष्ठता सूची को रद कर दिया। पहली अप्रैल को बनी सूची को लेकर कई प्रशासनिक सदस्यों ने चुनौती दी थी जिस पर कैट के चेयरमैन जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी और प्रशासनिक सदस्य जमशेद अख्तर की अध्यक्षता में गठित बेंच ने खारिज कर दिया।
इसे चुनौती देने वालों में जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवाओं में पहली जनवरी, 2004 से लेकर पहली दिसंबर, 2018 के बीच नियुक्त हुए अधिकारियों ने चुनौती दी थी। इस वरिष्ठता सूची को सरकार ने पांच अगस्त, 2020 को जारी किया था जिसे चुनौती दी गई।
याचिका कर्ताओें की ओर से वरिष्ठ वकील अभिनव शर्मा और अभिमन्यु शर्मा ने पक्ष रखा जिसमें बताया गया कि जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा का गठन वर्ष 1965 में किया गया जिसमें अधिकारी जूनियर स्केल से शुरू होकर सीनियर स्केल टाइम तक जाता है। वर्ष 1979 में इस सेवा के लिए नियम बनाए जिसमें सुपर टाइम स्केल, स्पेशन स्केल, सिलेक्शन ग्रेड और जूनियर स्केल बनाए थे।
वहीं कैट ने मामले पर गौर करने के बाद पाया कि जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के नियम भारतीय प्रशासनिक सेवा के जैसे ही हैं। इसमें जूनियर स्केल की सीधी भर्ती होती है जबकि बाद में स्केल पदोन्नति के बाद मिलते हैं। याचिका में यह भी पाया कि वर्ष 2004, 2005, 2006 और 2007 में केएएस अधिकारियों को पदोन्नति नही दी गई।
2008 में उन्हें पदोन्नति दी गई। नियमों के अनुसार टाइम स्कूल अधिकारियों की कमी को 65 फीसद पदोन्नति के साथ प्रति वर्ष भरा जाना चाहिए जबकि 10 फीसद बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को मेरिट के आधार पर भरा जाना होता है। इसके अलावा 25 फीसद जूनियर स्केल अधिकारियों को भी पदोन्नति दी जाती है। कैट ने पाया कि कोई न कोई कारण बताकर अधिकारियों की पदोन्नति को टाला जाता रहा।
इन अधिकारियों की पदोन्नति के लिए हर वर्ष कदम उठाए जाने चाहिए। कैट ने याचिका पर गौर करने के बाद वरिष्ठता सूची को रद्द करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।