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Jammu Kashmir: तुर्की-स्विट्जरलैंड से मंगवाए गए हैं महामाया-पीरखोह रोपवे प्रोजेक्ट के लिए केबिन, एक साथ बैठ सकेंगे छह लोग

1.66 किलोमीटर लंबे इस रोप-वे केबल कार प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा होगा है। पहला चरण बाहूफोर्ट से महामाया पार्क तक है और दूसरा महामाया से पीरखोह तक। तवी नदी के ऊपर से होकर गुजरते रोप-वे में लोग सूर्यपुत्री के नजारों का भी आनंद उठा पाएंगे।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 03:42 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 03:46 PM (IST)
Jammu Kashmir: तुर्की-स्विट्जरलैंड से मंगवाए गए हैं महामाया-पीरखोह रोपवे प्रोजेक्ट के लिए केबिन, एक साथ बैठ सकेंगे छह लोग
दूसरे चरण के प्रोजेक्ट के शुरू होने से बावे वाली माता, महामाया मंदिर और पीरखोह आपस में जुड़ जाएंगे

जम्मू, जागरण संवाददाता। महामाया मंदिर से पीरखोह तक बनने वाले रोपवे प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा। यह शब्द जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर डा. राघव लंगर ने रोप-वे साइट का निरीक्षण के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि रोप-वे का कार्य अंतिम चरण में है।

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1.66 किलोमीटर लंबे इस रोप-वे केबल कार प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा होगा है। पहला चरण बाहूफोर्ट से महामाया पार्क तक है और दूसरा महामाया से पीरखोह तक। तवी नदी के ऊपर से होकर गुजरते रोप-वे में लोग सूर्यपुत्री के नजारों का भी आनंद उठा पाएंगे। पहला चरण पहले ही शुरू हो चुका है। 27 जुलाई 2020 को इसे शुरू किया गया था। आज तक 2100 यात्री केबल कार की सैर कर चुके हैं। डिवीजनल कमिश्नर ने केबल कार में बैठकर निरीक्षण भी किया।

उन्होंने यहां रेस्टोरेंट, व्यू प्वाइंट, टेक्निकल सेक्शन व अन्य सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने रोप-वे इंस्पेक्शन टेक्निकल कमेटी के सदस्यों को निर्देश दिए कि वह प्रोजेक्ट को शुरू के कार्य में तेजी लाएं। इस प्रोजेक्ट से जम्मू में पर्यटकों को लुभाया जा सकेगा। बाहूफोर्ट से महामाया तक आठ केबिन लगाए गए हैं जिनमें लोग बैठ कर सैर कर रहे हैं।

महामाया से पीरखोह तक 14 केबिन रहेंगे। इनमें छह लोग बैठ सकेंगे। बाहूफोर्ट से पीरखोह तक 9 टावर बनाए गए हैं। यह कैबिन तुर्की और स्विटजरलैंड से मंगवाए गए हैं। पूरे प्रोजेक्ट पर 75 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। दूसरे चरण के प्रोजेक्ट के शुरू होने से बावे वाली माता, महामाया मंदिर और पीरखोह आपस में जुड़ जाएंगे और  इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके पूरा होने से यह प्रोजेक्ट जम्मू का महत्वपूर्ण केबल कार प्रोजेक्ट बन जाएगा। वहीं अधिकारियों ने डिवकॉम को बताया कि दूसरे चरण के प्रोजेक्ट की डीपीआर पहले की तैयार की जा चुकी है। इसमें लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रावधान रखा गया है। ऐतिहासिक मुबारक मंडी को पीरखोह से जोड़ते हुए पर्यटकों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। डिवकाम ने अधिकारियों को यात्री के वाहनों की पार्किंग की सुविधा पर भी जोर दिया। 


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