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Jammu Kashmir: राजस्व जुटाने, लाखों को रोजगार देने वाले व्यापारियों की बजट में भी नहीं ली किसी ने सुध

जम्मू-कश्मीर के लिए 28400 करोड़ रुपये के औद्योगिक पैकेज की घोषणा के बाद व्यापार जगत को उम्मीद बंधी थी कि शायद सरकार इस बजट में व्यापार जगत के लिए भी कोई घोषणा करें लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट भी व्यापारियों के लिए पूरी तरह से निराशाजनक रहा।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 02:34 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 02:34 PM (IST)
Jammu Kashmir: राजस्व जुटाने, लाखों को रोजगार देने वाले व्यापारियों की बजट में भी नहीं ली किसी ने सुध
व्यापार जगत सालाना 80 लाख करोड़ रुपये का राजस्व देने के साथ 40 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया करवाता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के लिए 28,400 करोड़ रुपये के औद्योगिक पैकेज की घोषणा के बाद व्यापार जगत को उम्मीद बंधी थी कि शायद सरकार इस बजट में व्यापार जगत के लिए भी कोई घोषणा करें लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट भी व्यापारियों के लिए पूरी तरह से निराशाजनक रहा। आज देश में व्यापार जगत सबसे बड़ा ऐसा क्षेत्र है जो करोड़ों रुपये का राजस्व जुटाने के साथ लाखों लोगों को रोजगार देता है लेकिन इसके बावजूद सरकारी स्तर पर इस क्षेत्र को कोई सहयोग उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा। यह क्षेत्र सरकार को सालाना 80 लाख करोड़ रुपये का राजस्व देने के साथ देश में 40 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया करवाता है। ऐसा भी नहीं कि व्यापारिक संगठनों ने वित्त मंत्री तक अपनी बात न पहुंचाई हो। बजट पूर्व बैठकों में पिछले साल भी कई मांगें उठाई गई और इस साल भी व्यापारिक संगठनों ने अपने मुद्दे सरकार के सामने रखे लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।

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शादियों के सीजन में तारा अस्त

जनवरी के महीने में आम तौर पर शादियों का अच्छा-खासा सीजन रहता है। इससे बाजारों में कामकाज अच्छा होता है। इस साल कोरोना महामारी से मंदी झेलने वाले बाजार को उम्मीद थी कि नए साल में कुछ कामधंधा होगा लेकिन साल की शुरूआत में ही तारा अस्त होने से बाजार एक बार फिर मंदी की चपेट में है। जनवरी-फरवरी में आमतौर पर शादियों के काफी मुहुर्त होते हैं। शादियों का यह सीजन फरवरी अंत तक जारी रहता था लेकिन इस बार तारा अस्त रहने से कोई शुभ मुहुर्त नहीं और अब अगले महीने मार्च में यूं भी शादी-समारोह कम ही होते हैं। लिहाजा बाजार यह मान कर चल रहा है कि अब अप्रैल से पहले कोई खास काम निकलने वाला नहीं। इसलिए बाजार में इस समय सेल सीजन जोरों पर है और दुकानदार किसी तरीके से मंदी के इस दौर में आकर्षित छूट देकर कामधंधा चलाने का प्रयास कर रहे हैं।

जम्मू के बाजारों में वाईफाई

4जी मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध के बीच जम्मू शहर में लोगों को वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन ने अगस्त 2020 में शहर के छह मुख्य स्थानों पर वाईफाई सेवा शुरू की थी। हालांकि यह दावा किया गया था कि बहुत जल्द अन्य क्षेत्रों में भी लोगों को वाईफाई सुविधा दी जाएगी लेकिन छह महीने बाद भी प्रशासन की ओर से दूसरे चरण के तहत अन्य क्षेत्रों में वाईफाई सुविधा शुरू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन की ओर से अगस्त 2020 में शहर के रघुनाथ बाजार, रेजीडेंसी रोड, मुबारक मंडी से परेड चौक, बाहुफोर्ट, अप्सरा रोड व ग्रीन बेल्ट पार्क गांधी नगर में वाईफाई सेवा शुरू की गई थी। ऐसे में दूसरे बाजारों के दुकानदार भी लगातार वाईफाई सेवा की मांग कर रहे हैं। दुकानदारों की मांग है कि 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध होने के कारण वाईफाई काफी जरूरी हो गया है और हर किसी दुकानदार के लिए अपने खर्च पर वाईफाई सेवा लेना संभव नहीं, लिहाजा जिस तरह छह बाजारों में वाईफाई लगाया गया है, उसी तरह अन्य बाजारों में भी यह सुविधा दी जाए।

रेहड़ियों पर लाखों का कारोबार

जम्मू में इन दिनों रेहड़ी बाजार शापिंग का नया केंद्र बनता जा रहा है। शहर के विभिन्न हिस्सों में सजने वाले इस बाजार में लाखों रुपये का कारोबार होने लगा है। सर्दियों के दिनों यह बाजार सबसे ज्यादा गर्म रहता है। पहले तो इन रेहड़ियों पर केवल पुराने कपड़े बिकते थे लेकिन धीरे-धीरे यहां विदेशी कपड़े बिकने लगे लेकिन अब तो इस बाजार में नए कपड़ों की बिक्री भी शुरू हो गई है। यूं तो पुराने शहर में हर रविवार को यह मार्केट सजती थी लेकिन अब सप्ताह भर शहर के विभिन्न हिस्सों में यह रेहड़ी बाजार लगता है। पुराने शहर के पक्का डंगा व ज्यूल इलाके में तो वहीं गांधी नगर की तरफ रेलहैड काम्पलेक्स के पास अंबेडकर चौक में यह बाजार रोजाना सज रहा है और यहां हर वक्त खरीदारों की भीड़ रहती है। इस बाजार में पेंट-कमीज व जैकेट से लेकर ट्रैक सूट तक उपलब्ध हो जाते है और वो भी बाजार से कम दाम पर।


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