Jammu Kashmir : कारोबार ने पकड़ी रफ्तार, जीएसटी संग्रह में भी हुई बढ़ोतरी
काेविड-19 महामारी से पैदा हालात में मंदी की मार से त्रस्त जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर व्यापार वाणिज्य गति पकड़ने लगा है। इसकी पुष्टि बीते दो माह के के दौरान जीएसटी संग्रह में हुई बढ़ोतरी से होती है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । काेविड-19 महामारी से पैदा हालात में मंदी की मार से त्रस्त जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर व्यापार वाणिज्य गति पकड़ने लगा है। इसकी पुष्टि बीते दो माह के दौरान जीएसटी संग्रह में हुई बढ़ोतरी से होती है।
वित्त विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि काेविड-19 महामारी के लॉकडाउन का असर केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बहुत भारी पड़ा है। कारोबार जगत का कोई क्षेत्र इससे अछूृता नहीं रहा है और मंदी अपने चरम पर जा पहुंची थी। हालात काे भांपते हुए प्रदेश सरकार ने सितंबर में 1300 करोड़ रुपये का एक राहत पैकेज कारोबार जगत के लिए जारी किया और उसका असर अब पूरे जम्मू कश्मीर में नजर आने लगा है।
जीएसटी की मद में इस माह 564 करोड़ रुपये जमा हुए
उन्होंने बताया कि कारोबारी गतिविधियों में तेजी की पुष्टि जीएसटी और मोटर स्पिरिट एंड डीजल आयल टैक्स जिसे एमएसटी कहते हैं, की वसूली में बढ़ोतरी से हाेती है। प्रदेश कर विभाग ने प्रदेश जीएसटी की मद में इस माह 564 करोड़ रुपये जमा होने की जानकारी दी है। अगस्त में 359.84 करोड़ रुपये औेर सिंतबर माह में 435 करोड़ रुपये का एसजीएसटी जमा किया गया है। जीएसटी मे बढ़ोतरी से साफ हो जाता है कि जम्मू कश्मीर में व्यापारिक गतिविधियों और कर देय लेन-देन में तेजी आ रही है। अक्तूबर में एमएसटी के तहत 141 करोड़ रुपये जमा हुए हैं और नवंबर में इसके 150 करोड़ तक पहुंचने की पूरी उम्मीद है।
जम्मू कश्मीर प्रदेश में व्यापार वाणिज्य जगत पूरी तरह पटरी पर आ जाएगा
वित्त विभाग के अनुसार, अगर स्थानीय व्यापार जगत मे तेजी का यही रुझान जारी रहा तो अगले तीन चार माह मेें केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में व्यापार वाणिज्य जगत पूरी तरह पटरी पर आ जाएगा और जो नुक्सान कोविड-19 महामारी से हुआ है,उसकी भरपाई भी तेजी से होगी।