पाकिस्तान ने फिर कायरतापूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पाकिस्तान ने फिर कायरतापूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया है। जम्मू संभाग के स
By Edited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 02:37 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 03:04 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पाकिस्तान ने फिर कायरतापूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया है। जम्मू संभाग के सांबा जिले के रामगढ़ सब सेक्टर में पाक रेंजर्स की गोलाबारी में शहीद सीमा सुरक्षा बल के जवान का पार्थिव शरीर भारत को सौंपने के बजाए उसके साथ बर्बरता की गई। शहीद के गले को चाकू से रेतने के साथ उनकी एक आंख को भी निकालने की कोशिश की गई। यह पहली बार है जब जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के किसी जवान के पार्थिव शरीर से दुश्मन ने इस प्रकार की हरकत की है। पाकिस्तान की इस कार्रवाई के बाद जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट कर दिया गया है। सीमा सुरक्षा बल के जवानों को किसी भी प्रकार के हालात का सामना करने को तैयार रहने के लिए कहा गया है। शहीद की पहचान बीएसएफ की 176 बटालियन के हेड कांस्टेबल (50) नरेंद्र कुमार निवासी थाना कला, जिला सोनीपत, (हरियाणा) के रूप में हुई है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम (बैट) का हाथ होने से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है। पाकिस्तान की बैट टीम में पाक रेंजर्स के साथ आतंकी भी रहते हैं। वे अक्सर भारतीय जवानों में दहशत पैदा करने के लिए ऐसी बर्बर कार्रवाई करते हैं। वहीं सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी इस घटना पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। सीमा पर कंदराल पोस्ट पर हुआ पोस्मार्टम : उपजिला अस्पताल रामगढ़ से डॉक्टरों के बोर्ड को सीमा पर कंदराल पोस्ट पर ले जाकर शहीद का पोस्टमार्टम करवाया गया। सूत्रों के अनुसार, शहीद को स्नाइपर गन से निशाना बनाया गया था। उनके शरीर पर तीन गोलियों के निशान मिले। साथ ही तेजधार हथियार से गला रेतने, शरीर के अन्य हिस्सों टांगों पर घाव देने व एक आंख को भी क्षति पहुंचाने की पुष्टि हुई है। इसके बाद रामगढ़ पुलिस ने आरपीसी की धारा 302ए, 3/27 आर्मस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यूनिट स्तर पर दी गई सलामी : शहीद नरेंद्र कुमार का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उन्हें यूनिट स्तर पर सलामी दी गई। यह पहली बार हुआ है जब शहीद के पार्थिव शरीर को सलामी देने के लिए फ्रंटियर मुख्यालय पलौड़ा नहीं लाया गया। आइबी ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट : उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल ने इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स से कड़ी आपत्ति जताई है। गृह मंत्रालय इस घटना को लेकर बेहद गंभीर है। गृह मंत्रालय ने इस मामले में बुधवार को सीमा सुरक्षा बल के साथ इंटेलीजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट भी तलब की है। आइबी ने यह रिपोर्ट भेज दी है। कैसे शहीद हुए थे नरेंद्र कुमार : सब सेक्टर रामगढ़ के अग्रिम एसपी-वन क्षेत्र में गत मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल के चार जवान फेंसिंग के आगे अपने क्षेत्र में साफ सफाई कर रहे थे। सुबह करीब पौने ग्यारह बजे पाकिस्तान ने इस दल को निशाना बनाकर गोलीबारी शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार, अन्य जवान सुरक्षित वापस आए गए, लेकिन गोली लगने के बाद हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार झाड़ियों के बीच लापता हो गए। जवान को तलाशने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स से भी सहयोग मांगा गया। पाकिस्तान ने क्षेत्र में दलदल का हवाला देकर सहयोग से इन्कार कर दिया। ऐसे में अंधेरा होने का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। चूंकि आगे बढ़ने पर अन्य जवानों को भी गोलियों से निशाना बनाया जा सकता था। शाम ढलने पर जोखिम उठाकर जवान आगे बढ़े। छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शहीद का पार्थिव शरीर तलाश लिया गया। उनके शहीर की हालत देखकर साफ हो गया कि गोली लगने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स या बैट दल उन्हें अपने साथ ले गया और बर्बरता के बाद फिर वहां छोड़ गया। भारत ने डीजीएमओ स्तर पर जताया कड़ा एतराज : भारत ने डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) स्तर पर पाकिस्तान के साथ बीएसएफ जवान के पार्थिव शरीर के साथ बर्बरता पर कड़ा एतराज जताया। डीजीएमओ ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते का सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा।
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