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जम्मू कश्मीर के पास आर्टिस्टिक जिन्मास्ट नहीं, बीएसएफ के खिलाड़ी करेंगे प्रतिनिधित्व

स्टेडियम में आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक के लिए कोई भी संसाधन नहीं है और खिलाड़ी चोट की वजह से इसमें अभ्यास करने से हिचकिचाते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 10:53 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 10:53 AM (IST)
जम्मू कश्मीर के पास आर्टिस्टिक जिन्मास्ट नहीं, बीएसएफ के खिलाड़ी करेंगे प्रतिनिधित्व
जम्मू कश्मीर के पास आर्टिस्टिक जिन्मास्ट नहीं, बीएसएफ के खिलाड़ी करेंगे प्रतिनिधित्व

जम्मू, विकास अबरोल। जम्मू-कश्मीर की टीम भले ही पुणो में तीन मई से शुरू होने वाली पांचवीं सीनियर नेशनल जिम्नास्टिक प्रतियोगिता में भाग लेने जा रही है लेकिन विडम्बना यह है कि राज्य टीम का प्रतिनिधित्व बीएसएफ के खिलाड़ी करेंगे। किरण वात्तल के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर जिम्नास्टिक एसोसिएशन के एसोसिएट सेक्रेटरी तेजेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर स्टेट स्पोट्र्स काउंसिल द्वारा प्रायोजित पांच सदस्यीय टीम को शुभकामनाएं देकर रवाना किया। पुणो में तीन से पांच मई तक आयोजित होने वाली पांचवीं सीनियर नेशनल आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक प्रतियोगिता में बीएसएफ पलौड़ा के कांस्टेबल सोनू, कांस्टेबल समीर देबनाथ, कांस्टेबल जय प्रकाश, कांस्टेबल बलराम ठाकुर और कांस्टेबल अजीत ओराम भाग लेने के लिए रवाना हुए हैं।

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 मौलाना आजाद स्टेडियम के इंडोर कांप्लेक्स में जिम्नास्टिक का हॉल भी मौजूद हैं जहां रिद्मिक जिम्नास्टिक में हर रोज काफी तादाद में छोटे बच्चों से लेकर अनुभवी और राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। स्पोट्र्स काउंसिल की ओर से रिद्मिक जिम्नास्टिक के लिए हर सुविधा मुहैया करवाई गई है लेकिन आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक के लिए हॉल में सुविधा ढूंढने से भी नहीं मिलती है। छोटे बच्चे इंडोर कांप्लेक्स के सामने स्थित पार्क में अभ्यास करने पर विवश हैं।

कोई भी सीनियर खिलाड़ी जिम्नास्टिक का अभ्यास नहीं करता

जब इस बाबत जिम्नास्टिक एसोसिएशन के एसोसिएट सेक्रेटरी तेजेंद्र सिंह से राज्य टीम में किसी भी स्थानीय खिलाड़ी को जगह नहीं देने संबंधी सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्टेडियम में कोई भी सीनियर खिलाड़ी जिम्नास्टिक का अभ्यास नहीं करता है। स्टेडियम में आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक के लिए कोई भी संसाधन नहीं है और खिलाड़ी चोट की वजह से इसमें अभ्यास करने से हिचकिचाते हैं। यही वजह है कि बीएसएफ के खिलाड़ी जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि आज तक एसोसिएशन ने इस मामले में क्यों चुप्पी साधी रखी तो उन्होंने कहा कि जल्द ही आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक के खेल संसाधन स्टेडियम में खिलाडिय़ों को उपलब्ध हो जाएंगे। उन्हें सूचना मिली है कि स्पोट्र्स काउंसिल आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है।

कई वर्षों से आर्टिस्टिक का कोई भी नहीं नियुक्त

हैरानी की बात यह है कि स्पोर्ट्स काउंसिल की ओर से पिछले कई वर्ष से आर्टिस्टिक का कोच भी नियुक्त किया गया है जो बिना खेल संसाधन के अभाव में हर रोज स्टेडियम में बने पार्क में छोटे बच्चों को अभ्यास करवाने में विवश है। जम्मू कश्मीर जिम्नास्टिक एसोसिएशन की ओर से भी आज तक आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक को बढ़ावा देने के लिए कोई भी गंभीर प्रयास नहीं किए गए। रिद्मिक जिम्नास्टिक को ही बढ़ावा दिया गया और स्पोट्र्स काउंसिल ने भी इस खेल को बढ़ावा देने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई। हैरानी की बात यह है कि जिम्नास्टिक एसोसिएशन के अध्यक्ष किरण वात्तल भी जेएंडके स्टेट स्पोट्र्स काउंसिल के सचिव पद पर रह चुके हैं लेकिन आज तक उन्होंने भी आर्टिस्टिक खेल को बढ़ावा देने में अपनी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।


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