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Jammu: सीमा प्रहरियों ने पाक बंदूकों के सामने फेंसिंग पार पहुंचाया पानी

सिंचाइ विभाग काफी समय से रणबीर नहर को साफ करने का मुद्दा उठा रहा था। यह पूरी नहर पिछली बार कब साफ हुई इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:14 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 08:14 AM (IST)
Jammu: सीमा प्रहरियों ने पाक बंदूकों के सामने फेंसिंग पार पहुंचाया पानी
Jammu: सीमा प्रहरियों ने पाक बंदूकों के सामने फेंसिंग पार पहुंचाया पानी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के जवान सीमांत किसानों के लिए भी बेहद फिक्रमंद हैं। सीमा प्रहरियों ने पाकिस्तान की बंदूकों की परवाह न कर 15 दिन में अंतराष्ट्रीय सीमा पर फेंसिंग के पार जीरो लाइन पर खेतों में पानी पहुंचा दिया। इससे सीमांत क्षेत्र के करीब एक सौ गांवों के हजारों किसानों को राहत मिली है। सीमा सुरक्षाबल जम्मू फ्रंटियर के आइजी एनएस जम्वाल ने बताया कि यह काम चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सीमा प्रहरियों ने पंद्रह दिनों के अंदर इसे संभव कर दिखाया।

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सिंचाइ विभाग काफी समय से रणबीर नहर को साफ करने का मुद्दा उठा रहा था। यह पूरी नहर पिछली बार कब साफ हुई, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। अलबत्ता, हमने पिछले साल भी नहर के कुछ हिस्सों की मरम्मत की थी। नहर में गंदगी भर गई थी। कई जगहों पर बांध बनाकर पानी को रोक कर नहर के अगले हिस्से को साफ किया गया। नहर के साफ होने से हजारों किसानों को राहत मिली है। पाक रेंजर्स जब अन्य कार्यो में व्यस्त होते थे, तब काम करते थे जवान इस समय सीमा से सटे जम्मू जिले के आरएसपुरा, बिश्नाह व अरनिया इलाकों में धान की फसल लगाने की तैयारी हो रही है। ऐसे में खेतों तक पानी ले जाने की लिए बनी नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचने से किसान खुश हैं। पाकिस्तान सीमा पर कब गोलीबारी कर दे, यह अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में सीमा सुरक्षाबल ने पूरी एहतियात बरती।

पाकिस्तान की आपत्तियों को दरकिनार कर संवदेनशील हिस्सों में काम करने के लिए ऐसा समय चुना, जब पाकिस्तानी रेंजर्स अन्य कामों में व्यस्त होते थे। नहर में गंदगी जमा होने से खेतों में नहीं पहुंचता था पानी जम्मू के सीमांत इलाकों तक पानी ले जाने वाली 59.55 किलोमीटर लंबी रणबीर नहर क्षेत्र की अर्थव्यस्था को बेहतर बनाने में मुख्य भूमिका निभाती है। आरएसपुरा क्षेत्र के बासमती चावल देशभर में प्रसिद्ध हैं। ऐसे में नहर में गंदगी जमा होने से बासमती उगाने के लिए सैकड़ों कनाल भूमि तक पानी नहीं पहुंच पाता था।


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