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जम्मू कश्मीर की जमीन दूसरे राज्यों के लोगों को देने पर तुली भाजपा: पीडीपी

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भाजपा पर जम्मू कश्मीर की जमीन की सेल लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी ने अनुच्छेद 370 व 35-ए को समाप्त कर प्रदेश के लोगों से उनके मौलिक अधिकार छीन लिए।

By Edited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 07:35 AM (IST)
जम्मू कश्मीर की जमीन दूसरे राज्यों के लोगों को देने पर तुली भाजपा: पीडीपी
भाजपा की तरफ से तब कहा गया कि इससे रोजगार बढ़ेगा और राज्य में विकास का नया दौर शुरू होगा।

जागरण संवाददाता, जम्मू : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भाजपा पर जम्मू कश्मीर की जमीन की सेल लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी ने अनुच्छेद 370 व 35-ए को समाप्त कर प्रदेश के लोगों से उनके मौलिक अधिकार छीन लिए।

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भाजपा की तरफ से तब कहा गया कि इससे रोजगार बढ़ेगा और राज्य में विकास का नया दौर शुरू होगा, लेकिन हो उल्टा रहा है। राज्य के लोगों ने जितनी बेरोजगारी और महंगाई अनुच्छेद 370 हटने के बाद देखी है, उतनी कभी नहीं देखी। पीडीपी ने कहा है कि रोजगार छिनने के बाद प्रदेश की जमीन औने-पौने दाम पर दूसरे राज्यों के लोगों को बेचने से हालात और खराब होंगे। बुधवार को पीडीपी कार्यकर्ताओं ने गांधीनगर स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ये आरोप लगाए। प्रदर्शन का नेतृत्व पीडीपी के वरिष्ठ नेता परवेज वफा व विरेंद्र ¨सह सोनू ने किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर को बेचने पर तुली है, जिसका हर हाल में विरोध किया जाएगा। केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीडीपी कार्यकर्ताओं ने गांधी नगर कार्यालय से हाईवे की ओर बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। परवेज वफा व विरेंद्र ¨सह ने सोमवार को हुए रियल एस्टेट सम्मेलन पर विरोध प्रकट करते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को बेचना चाहती है।

उन्होंने कहा कि जब देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां जमीन खरीद लेंगी तो उनके द्वारा बनाए गए घर व फ्लैट केवल अमीर लोग ही खरीदेंगे और गरीबों के पास घर बनाने तक की जमीन भी नहीं बचेगी। सरकारी नौकरियों को ओपन किए जाने का विरोध करते हुए पीडीपी नेताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शिक्षा का स्तर देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी नीचे रहा है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ व दिल्ली-मुंबई जैसे प्रदेशों में बड़े-बड़े व अच्छे विश्वविद्यालय व कालेज हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आज तक क्या था? ऐसे में जम्मू-कश्मीर के युवा इन राज्यों के युवाओं से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे और स्थानीय नौकरियां भी उनके हाथ से जाएंगी।


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