अनुच्छेद 370 समाप्त कर मोदी सरकार ने कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल को सुधारा है: राम माधव
महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ विलय करने के लिए हस्ताक्षर किए थे। इसमें अनुच्छेद 370 का कोई लेनादेना नहीं था। यह हरि सिंह की कल्पना नहीं थी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि कांग्रेस ने अलोकतांत्रिक तरीके से अनुच्छेद 370 लगाकर ऐतिहासिक भूल की थी और मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक तरीके से 370 को हटाकर इस भूल को सुधार दिया है। उन्होंने कहा कि 370 अब हट चुकी है और वापस नहीं आने वाली है। यह कदम मोदी सरकार ने देश और जम्मू-कश्मीर के हित को मद्देनजर रख उठाया है। जब कोई मर जाता है तो उसका मातम चाहे दस दिन करो या तीन महीने वो व्यक्ति वापस नहीं आता। इसी तरह से अनुच्छेद 370 वापस नहीं आएगी।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास ट्रस्ट की तरफ से जम्मू-कश्मीर के विलय दिवस पर जम्मू में आयोजित सेमीनार में भाग लेने पहुंचे राम माधव ने ऐतिहासिक परतों पर खोलकर अनुच्छेद 370 लगाने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ विलय करने के लिए हस्ताक्षर किए थे। इसमें अनुच्छेद 370 का कोई लेनादेना नहीं था। यह हरि सिंह की कल्पना नहीं थी। बाद में शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अनुच्छेद 370 को जन्म दिया।
अनुच्छेद 370 को खत्म करना महाराजा हरि सिंह की स्मृति को समर्पित किया जाता है। महाराजा के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित प्रेम नाथ डोगरा को भी अनुच्छेद 370 की समाप्ति उनकी स्मृति में समर्पित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार ने राजनीतिक कारणों या अपनी विचारधारा के कारणों से अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया है। अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला मोदी सरकार ने जनता के हितों और जम्मू-कश्मीर के आखिरी व्यक्ति के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया है। इससे जम्मू-कश्मीर में विकास का नया अध्याय शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल पर अन्य रजवाड़ों की तरह जम्मू-कश्मीर के विलय की जिम्मेदारी सौंप दी होती तो आज यह हालात नहीं होते।
नेहरू ने विलय में देरी के लिए दो-चार दिन लगाए, उसी के कारण पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के हिस्से पर कब्जा जमा लिया। अनुच्छेद 370 का ड्रामा संविधान सभा में किया गया। अब विपक्ष कहता है कि सरकार ने जनता से पूछकर फैसला नहीं किया। इतिहास का जिक्र करते हुए राम माधव ने कहा कि अनुच्छेद 370 लगाने के प्रस्ताव को कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने भी नामंजूर कर दिया था लेकिन नेहरू जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 देना ही चाहते थे और इसका वायदा शेख अब्दुल्ला से कर चुके थे।
उन्होंने कहा कि क्या कश्मीरियत हिन्दोस्तान से अलग थी? क्या कश्मीरी पंडितों को अपने ही घरों से बेघर कर देना कश्मीरियत है? क्या चुनाव का बहिष्कार कर देना कश्मीरियत है? क्या सेब ट्रक ड्राइवरों को मारना कश्मीरियत है? कश्मीरियत वो है जिसमें सभी के साथ न्याय हो। सभी शांति और खुशहाली से रह सकें। इसी बीच पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में राम माधव ने कश्मीर में ट्रक ड्राइवरों की गई हत्याओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से कश्मीरियत के खिलाफ है। सरकार ट्रक ड्राइवरों को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि हत्या करने वाले आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।