Move to Jagran APP

EXCLUSIVE: ख़त्म हुई गठबंधन की मजबूरी, अब होगी आतंक के अंत की कसम पूरी

कश्मीर में पैदा हुए नए हालात इस ओर इशारा करते हैं कि अब कश्मीर में फिर से ऑपरेशन ऑल आउट न केवल शुरू होगा बल्कि अपना असर भी दिखायेगा।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 08:14 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 09:51 AM (IST)
EXCLUSIVE: ख़त्म हुई गठबंधन की मजबूरी, अब होगी आतंक के अंत की कसम पूरी
EXCLUSIVE: ख़त्म हुई गठबंधन की मजबूरी, अब होगी आतंक के अंत की कसम पूरी

नई दिल्ली [जेएनएन]। कश्मीर में पैदा हुए हालात इस ओर इशारा करते हैं कि अब कश्मीर में फिर से ऑपरेशन ऑल आउट न केवल शुरू होगा बल्कि अपना असर भी दिखायेगा। आतंकवादियों के खिलाफ अभियान पर एकतरफा रोक को लेकर केंद्र सरकार राज्य की सुरक्षा स्थिति पर नजर बनाए हुए थी। रमजान के पवित्र महीने के मद्देनजर 16 मई को सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान पर एक माह के लिए रोक की घोषणा की थी।

loksabha election banner

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में एक माह बाद ही आतंकियों के खिलाफ संघर्ष विराम वापस ले लिया है। रमजान के महीने में अपनी तरफ से संघर्ष विराम का एलान कर केंद्र सरकार ने जो दरियादिली दिखाई थी उसका बहुत असर नहीं दिखा। इसके बाद सरकार ने आतंकियों के सफाए के लिए ऑपरेशन ऑल-आउट फिर शुरू करने का फैसला कर लिया। 

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार सुबह ट्वीट कर बताया कि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन फिर से शुरू हो रहा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह के अलावा अन्य संबंधित अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक भी हुई थी।

गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि सुरक्षा बलों को आदेश दिया जा रहा है कि वे पहले की तरह ऐसी आवश्यक कार्रवाई करें, जिससे आतंकवादियों को हमला करने से रोका जा सके। भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में हिंसा से मुक्त वातावरण बनाने का प्रयास जारी रखेगी। इसके लिए जरूरी है कि राज्य के सभी शांतिप्रिय लोग आतंकियों को अलग-थलग कर दें। जिन लोगों को गुमराह कर गलत रास्ते पर ले जाया गया है, उन्हें शांति के मार्ग पर वापस लाने के लिए प्रेरित करें।

गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। इसी सप्ताह पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या और सेना के जवान औरंगजेब का अपहरण तथा हत्या ने इस व्यवस्था के आगे जारी रहने पर संदेह पैदा कर दिया था, लेकिन सरकार ने एक बार फिर इस अहम फैसला सुनाते हुए सीजफायर खत्म कर दिया है।

309 pilgrims leave Jammu for Amarnath Yatra

सरकार नहीं लेना चाहती जोखिम

भारत सरकार इस महीने की 28 तारीख को शुरू होने जा रही बाबा अमरनाथ यात्रा को लेकर किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती है। चूंकि यह यात्रा आतंकवादियों के लिए आसान निशाना हो सकती है और इसलिए सरकार आतंकवादियों को छूट देकर कोई जोखिम नहीं लेगी। पिछले साल अमरनाथ यात्रियों पर हुये आतंकवादी हमले के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने इस बार सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। इसके बावजूद,आतंकवादियों के हौसले पस्त करने के लिए सेना को उनके खिलाफ अभियान की छूट देने की भी जरूरत महसूस की जा सकती है।

जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को जम्‍मू क्षेत्र में उस तरह का समर्थन और जनादेश नहीं मिला था जैसा कि 2014 के चुनाव में हासिल हुआ। साल 1996 में हुए चुनाव में जम्मू में भाजपा को महज आठ सीटें मिली थीं। जबकि 2002 के चुनाव में यह घटकर एक रह गई थी। फिर 2008 में अमरनाथ स्थापना बोर्ड के लिए ज़मीन आवंटन को लेकर हुए आंदोलन के बाद चुनाव में भाजपा ने 11 सीटें जीती थीं। वहीं, 2014 के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और 25 सीटें हासिल की। पहली दफा जम्‍मू कश्‍मीर में ऐसे राजनीतिक हालात पैदा हुए जिसमें यह कहा जा सकता है कि राज्‍य में दो जनादेश मिले हो। राज्‍य में भाजपा का सियासी दबदबा कायम हुआ था।

दरअसल, तेज विकास व पारदर्शी प्रशासन के लक्ष्य के साथ पीडीपी से गठजोड़ करने वाला भाजपा हाईकमान महबूबा सरकार के कश्मीर केंद्रित रवैये से नाराज चल रहा था। ऐसे हालात में कड़े तेवर दिखाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व मंत्रियों को अचानक दिल्ली तलब किया था। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी मंगलवार सुबह अमित शाह के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी।

इसके पहले कहा जा रहा था कि राज्य में सरकार के एकतरफा फैसलों का भाजपा के आधार क्षेत्र जम्मू में विपरीत प्रभाव हो रहा है। इन हालात में अमित शाह मंगलवार को दिल्ली में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों के साथ बैठक में राजनीतिक हालात, सरकार के कामकाज संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.