पीपल के पेड़ से एक-एक कर नीचे गिरे कौआ, गटारी और कबूतर
संवाद सहयोगी ज्यौड़ियां क्षेत्र के पोठा कंडेयाल गांव में कौआ गटारी और कबूतर मरे मिल
संवाद सहयोगी, ज्यौड़ियां : क्षेत्र के पोठा कंडेयाल गांव में कौआ, गटारी, और कबूतर मरे मिलने से गांव में दहशत का माहौल है। पक्षियों की मरने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वेटनरी डाक्टर ने मृत पक्षियों के सैंपल लेकर लैबोरेटरी में भेज दिया है। गांव पोठा के युवक राम शर्मा ने बताया कि सुबह जब वह अपने दोस्तों के साथ पीपल के पेड़ के नीचे खड़ा था तो अचानक पेड़ पर बैठे पक्षियों में से पहले कौवा नीचे गिरा, फिर कबूतर और उसके बाद गटारी नीचे गिरी। उसे लगा कि बर्ड फ्लू से पक्षी मरे होंगे, तो उसने तुरंत तहसीलदार डा. विशाल सिंह परिहार को इसकी सूचना दी। इसके बाद वेटनरी डाक्टर को भेजा गया। सैंपल लेने वाले डॉक्टर नरेश चौधरी ने बताया कि मृत पक्षियों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे हैं। वहां से रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि पक्षियों की मौत किस वजह से हुई है।
गौरतलब है कि पड़ोसी राज्यों में बर्ड फ्लू की घटनाओं के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। जम्मू संभाग के अलावा अब कश्मीर के वेटलैंड क्षेत्रों में आए प्रवासी पक्षियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। कश्मीर में डल झील, पापोर, खुशहालसर, होकरसर वेटलैंड पर कर्मचारी पूरी नजर रख रहे हैं कि कहीं कोई प्रवासी पक्षी बीमार तो नहीं। जम्मू के घराना वेटलैंड पर तो लगातार पशुपालन विभाग की टीमें दौरा कर रही हैं व क्षेत्र से सेंपल उठाकर जाच के लिए भेज रही हैं। वहीं वन्यजीव संरक्षण विभाग के कर्मचारी नित्य पूरे वेटलैंड क्षेत्र का चक्कर लगाकर पक्षियों पर नजर रखे हुए है।
वहीं दूसरी ओर अब पोल्ट्री फार्म पर भी निगरानी शुरू हो गई है। पशुपालन विभाग के वेटनेरी आफिसर प्राइवेट पोल्ट्री फार्म वालों को साफ सफाई के लिए प्रेरित तो कर ही रहे हैं, वहीं कुछ एक पोल्ट्री फार्म से सेंपल भी उठाए गए हैं जिनको जाच के लिए लैब भेजा रहा है। पशुपालन विभाग जम्मू के उप निदेशक डा. डीडी डोगरा का कहना है कि एहतियात के तौर पर सेंपल उठाए गए हैं। इसी के चलते पहले ही बाहरी राज्यों से पोल्ट्री उत्पाद के आयात पर रोक लगाई हुई है।
वहीं दूसरी ओर पशुपालन विभाग ने पोल्ट्री किसानों को जार्गयक करने का काम तेज कर दिया है। पोल्ट्री किसानों से कहा गया है कि वे पोल्ट्री फॅार्म पर सफाई रखें। बाहरी लोगों को पोल्ट्री फार्म के भीतर जाने से रोका जाए। पोल्ट्री फार्म के आसपास दाना, पानी बिखरा न हो क्योंकि इससे प्रवासी पक्षियों का आकर्षण उस तरफ हो सकता है। पोल्ट्री बर्डस को बतखों से दूर रखा जाए। मरे हुए पोल्ट्री बर्ड को खुले में न फैंका जाए बल्कि मिट्टी क अंदर दबा दिया जाए। अगर कोई पोल्ट्री बर्ड बीमार या सुस्त दिखाई पड़ता है तो तुरंत पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाए।