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Jammu : जीएमसी में शुरू हुई बायोमार्कर टेस्टिंग सुविधा, कोविड 19 के मरीजों में पूर्वानुमान का करेगी काम

कोविड 19 के कई मरीज अचानक गंभीर रूप से बीमार होकर दम तोड चुके हैं। लेकिन अब मरीजों की सही स्थिति का आकलन समय पर हो सकेगा। इससे उनका इलाज समय पर होगा। राजकीय मेडिकल कालेज में कई महीनों की प्रक्रिया के बाद बायोमार्कर टेस्टिंग सुविधा शुरू हो गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 12:32 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 12:32 PM (IST)
Jammu : जीएमसी में शुरू हुई बायोमार्कर टेस्टिंग सुविधा, कोविड 19 के मरीजों में पूर्वानुमान का करेगी काम
बायोमार्कर मार्कर टेस्टिंग की सुविधा अब जीएमसी जम्मू में भी इसे शुरू कर दिया गया है

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोविड 19 के कई मरीज अचानक गंभीर रूप से बीमार होकर दम तोड चुके हैं। लेकिन अब मरीजों की सही स्थिति का आकलन समय पर हो सकेगा। इससे उनका इलाज भी समय पर होगा। राजकीय मेडिकल कालेज के बायो कैमिस्ट्री विभाग में कई महीनों की प्रक्रिया के बाद बायोमार्कर टेस्टिंग सुविधा शुरू हो गई है।

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जीएमसी के प्रिंसिपल डा. नसीब ढिगरा और प्रशासनिक अधिकारी नागेद्र जम्वाल ने इसकी शुरूआत की।बायोमार्कर मार्कर टेस्टिंग की सुविधा अभी तक एम्स, पीजीआई जैसे संस्थानों के अलावा राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर में ही उपलब्ध थी। लेकिन अब जीएमसी जम्मू में भी इसे शुरू कर दिया गया है। इससे मरीज की सही स्थिति का आकलन हो सकता है। बाजार में इन टेस्टों की कीमत आठ से दस हजार रुपयों के बीच है लेकिन राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में यह सुविधा कोविड 19 के मरीजों के लिए निशुल्क होगी।

अब कोरोना के मरीजों की गंभीर स्थिति का समय पर चलेगा पता

जम्मू संभाग में पिछले डेढ़ महीने में कोविड 19 के मरीज तेजी के साथ बढ़े हैं। कई मरीजों की इससे मौत भी हो गई। एक कारण समय पर मरीजों की गंभीरता का पता नहीं लगना भी था। जीएमसी में ऐसे टेस्ट नही थे। कई महीनों से प्रक्रिया चलने के बावजूद इन टेस्टों की इजाजत नहीं मिल पा रही थी। इसी को देखते हुए बायोकैमिस्ट्री विभाग ने शुक्रवार को बायेामार्कर टेस्टिंग की सुविधा शुरू की।

विभाग के एचओडी डा. एएस भाटिया ने बताया कि इससे मरीजों को अलग अलग वगों में बांटा जा सकेगा। यह पता लगाया जा सकेगा कि मरीज कितना गंभीर है और उसका इलाज उसी के अनुसार होगा। समय पर बीमारी का सही पता चलने से उसका इलाज भी समय पर शुरू हो सकेगा। इलाज करने वाले डाक्टर को भी इससे आसानी होगी। वह इससे यह पता लगा सकेगा कि मरीज की जिंदगी को बचाया जा सकता है या नहीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तिय आयुक्त अटल ढुल्लू ने टेस्ट शुरू करवाने में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल डा. नसीब ढिगरा ने भी पूरा सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि यह टेस्ट एक तरह से बीमारी का पूर्वानुमान बताने में मदद करते हैं। मेडिसीन विभाग के एचओडी डा. अनिल शर्मा ने कहा कि उनका विभाग बहुतजल्दी कोविड 19 से ठीक हो चुके मरीजों के लिए भी ओपीडी सेवा शुरू करने जा रहा है। मेडिकल कालेज अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. दारा सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे।


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