चार सालों से बंद पड़ा है जम्मू विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजूकेशन विभाग में बीएड कोर्स
जम्मू संभाग के सरकारी, प्राइवेट स्कूलों के अध्यापक, नौकरी पेशा वाले युवा पत्राचार के जरिए दो साल का बीएड कोर्स करते थे लेकिन अब उन्हें यह अवसर नहीं मिल रहा है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजूकेशन विभाग में पिछले चार वर्ष से पत्रचार का बीएड कोर्स बंद पड़ा हुआ है। जम्मू संभाग के सरकारी, प्राइवेट स्कूलों के अध्यापक, नौकरी पेशा वाले युवा पत्राचार के जरिए दो साल का बीएड कोर्स करते थे लेकिन अब उन्हें यह अवसर नहीं मिल रहा है। वर्ष 2014 के अकादमिक सत्र से बीएड कोर्स बंद है।
जब नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजूकेशन के नए नियम जारी हुए तो जम्मू विवि प्रबंधन ने डिस्टेंस एजूकेशन को बंद कर दिया। हालांकि टीचर्स एजूकेशन काउंसिल के नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते लेकिन वीसी ने नियमों पर अमल करते हुए इसे बंद कर दिया। पत्रकार के जरिए बीएड कोर्स करने वाले युवाओं का रूख इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की तरफ हो गया। हर वर्ष एक हजार से अधिक विद्यार्थी बीएड कोर्स करते थे। इनमें से अधिकतर नौकरी पेशा और अध्यापक होते थे। विश्वविद्यालय ने पिछले वर्ष बीएड कोर्स को शुरु करने के लिए फिर से तैयारी की और इस मामले को विश्वविद्यालय की सर्वोच्च बाडी काउंसिल में ले जाया गया।
काउंसिल के चेयरमैन राज्यपाल होते है और इसमें मुख्यमंत्री व अन्य सदस्य होते है। काउंसिल ने विश्वविद्यालय से कहा कि वह पत्रचार के बीएड कोर्स को शुरु कर दें और इसके लिए कहा गया कि साल 2018 के अकादमिक सत्र से इसे शुरु कर दिया जाए। काउंसिल के फैसले के बाद पूर्व वीसी प्रो. आरडी शर्मा ने पत्राचार का बीएड कोर्स शुरु करने के लिए विश्वविद्यालय के एजूकेशन विभाग से सहयोग मांगा लेकिन विभाग के कुछ प्रोफेसरों ने बात को नहीं माना। कुछ समय पहले कार्यभार संभालने वाले वीसी प्रो. मनोज धर ने भी बीएड कोर्स शुरु करने के लिए कहा लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं हुआ।
डिस्टेंस एजूकेशन विभाग में पत्राचार का बीएड कोर्स पहले चलता था इसलिए वहां पर पर्याप्त ढांचा उपलब्ध है और एजूकेशन से संबधित अध्यापक भी है। बीएड कोर्स में पीजी एजूकेशन विभाग की भी भूमिका रहती है लेकिन विभाग की इसमें दिलचस्पी नहीं है। इस कारण यह काेर्स शुरु नहीं हो पा रहा है।