Move to Jagran APP

Baramulla Encounter: फुटबॉलर से JeM का आतंकी बन गया था आमिर, सेना ने दिया था आत्मसमर्पण का पूरा मौका

अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017 में भी जिला स्तर का एक फुटबॉलर माजिद खान गुमराह होकर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था। अनंतनाग के रहने वाले माजिद को ज सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान घेर लिया और उसे आत्मसमर्पण का मौका दिया था

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 09:32 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 11:09 AM (IST)
Baramulla Encounter: फुटबॉलर से JeM का आतंकी बन गया था आमिर, सेना ने दिया था आत्मसमर्पण का पूरा मौका
लिहाजा मुठभेड़ के बाद दोनों आतंकियों को मार गिराया गया।

श्रीनगर, जेएनएन। उत्तरी कश्मीर के जिला बारामूला में सुरक्षाबलों ने गत वीरवार को दो जैश-ए-आतंकवादियों को मार गिराया। मरने वालों में एक पाकिस्तानी आतंकी अबरार उर्फ ​​लंगरू जबकि दूसरा स्थानीय आतंकी आमिर सिराज था। सोपोर का रहने वाला 23 वर्षीय आमिर सिराज कालेज का छात्र था और फुटबाल का बहुत अच्छी खिलाड़ी भी। उसके परिजन, कालेज के दोस्त, जहां तक की इलाके के लोगों को भी लगता था कि सिराज फुटबाल में अच्छा नाम कमाएगा। परंतु गत वीरवार को जब सोपोर में उसके बारामूला मुठभेड़ में मारे जाने की बात पहुंची तो सभी स्तब्ध रह गए।

loksabha election banner

आमिर सिराज 24 जून को अपने मामा के घर से अचानक लापता हो गया था। उसके मामा आदिपोरा सोपोर में रहते थे। कोरोनामारी के चलते कालेज में छुट्टियां होने की वजह से वह अपने मामा के घर गया हुआ था। एक दिन वह घर से फुटबाल खेलने के लिए निकला और वापस नहीं लौटा।

उसके नाना नजीर अहमद का रो-रोकर बुरा हाल था। उनका कहना था कि 24 जून की शाम 5 बजे आमिर उनसे यह कहकर गया था कि वह दोस्तों के साथ खेलकर लौट आएगा परंतु नहीं आया। उन्होंने तो आतंकी संगठनों से भी कई बार गुहार लगाई थी कि वह परिवार का इकलौता बच्चा है। अगर वह भूलवश उनके पास आ भी गया है तो उसके बूढ़े मां-बाप व घर के हालात को नजर में रख उसे वापस लौटा दें। परंतु उन्होंने भी उनकी नहीं सुनी। उनके जवान बेटे को मौत के मुंह में भेज दिया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आमिर के लापता होने के करीब एक महीने के बाद उन्हें यह पता चल गया था कि वह जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया है। हालांकि इससे पहले उसका किसी आतंकी संगठन से कोई संपर्क नहीं रहा है। उसे संगठन में भर्ती करने में स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों ने अहम भूमिका निभाई होगी।

नाना नजीर अहमद ने बताया कि उन्हें भी जब पता चला कि उनका बच्चा आतंकी संगठन में शामिल हो गया है तो उन्होंने संगठन के कमांडरों से कई बार अपील की कि वह उनके बच्चे को वापस घर भेज दे। वह रास्ता भटक गया है और गलती से उनके पास आ गया है। उसकी मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके अलावा उनके जीवन का कोई दूसरा सहारा नहीं है। पर उन्होंने भी उनके दुख को नहीं समझा और हमारे मासूम बच्चे को गुमराह कर मौत के हवाले कर दिया। खुदा उन्हें कभी मॉफ नहीं करेगा।

वहीं एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि गत वीरवार को जानकारी मिली कि बारामूला के वनिगाम पेइन इलाके में कुछ आतंकवादियों को देखा गया है। बारामूला पुलिस, सेना की 29RR और सीआरपीएफ की 176Bn का संयुक्त दल इलाके में पहुंच गया। उन्होंने घेराबंदी करने के बाद जैसे ही तलाशी अभियान चलाया आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी।

जब उन्हें यह पता चला कि छिपे आतंकियों में फुटबाल खिलाड़ी आमिर सिराज भी है, तो उन्होंने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। परंतु दोनों ने उनकी बात नहीं मानी और गोलीबारी जारी रखी। लिहाजा मुठभेड़ के बाद दोनों आतंकियों को मार गिराया गया।

सैन्य अधिकारी ने बताया कि लाइव मुठभेड़ के दौरान उन्होंने इस साल कई स्थानीय युवाओं को आतंकवाद का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया है। वे सफल भी रहे परंतु आमिर ने उनके इस प्रस्ताव को नहीं माना। अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017 में भी जिला स्तर का एक फुटबॉलर माजिद खान गुमराह होकर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था। अनंतनाग के रहने वाले माजिद को ज सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान घेर लिया और उसे आत्मसमर्पण का मौका दिया था, वह आतंकवाद का रास्ता छोड़ वापस मुख्यधारा में लौट आया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.