बारामुला 53 बटालियन के सीआरपीएफ कमांडेंट विनय कुमार तिवारी को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार
अभी तक कार्यकाल में कमांडेंट तिवारी ने आतंकवादियों के खिलाफ जिला चलाए गए करीब 20 आपरेशन में सक्रियता से भाग लिया है।
जम्मू, जेएनएन। कश्मीर में शांति बहाली के प्रयासों के बीच आतंकवादियों के सिफाए के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहे सीआरपीएफ कमांडेंट विनय कुमार तिवारी को राष्ट्रपति वीरता पदक दिया गया है। यह पदक उन्हें अपनी जान की परवाह न करते हुए जिला बारामुला के बिनर नाला में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के लिए दिया गया। गत वर्ष 23 जनवरी 2019 को कमांडेंट तिवारी को यह जानकारी मिली कि लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी बिनर नाला में एक बाग में छिपे हुए हैं।
कमाडेंट ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अभियान की अगुवाई की। स्थानीय लोगों, उनकी संपत्ति के साथ सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचे बिना उन्होंने तीनों कुख्यात आतंकियों को मार गिराया। उनके कुशल नेतृत्व ने इस अभियान को सफल बनाया। विनय कुमार तिवारी का जन्म 15 जून 1971 को जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश में हुआ।
वह 1 जनवरी 1998 को सहायक कमांडेंट के रूप में सीआरपीएफ में शामिल हुए विनय कुमार तिवारी ने बुनियादी प्रशिक्षण हासिल करने के बाद सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में 19 बटालियन में शामिल हुए। उसके बाद उन्होंने अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, झारखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित अन्य कई जिलों में विभिन्न पदों पर रहकर अपनी सेवाएं दी। 15 नवंबर 2016 को उन्होंने कमांडेंट के तौर पर बारामुला में सीआरपीफ की 53 बटालियन की जिम्मेदारी संभाली।
अभी तक कार्यकाल में कमांडेंट तिवारी ने आतंकवादियों के खिलाफ जिला चलाए गए करीब 20 आपरेशन में सक्रियता से भाग लिया है। इन अभियानों के दौरान उन्होंने कुल 16 आतंकवादियों को पकड़ा जबकि 17 आतंकवादियों को ढेर किया। यही नहीं उन्होंने विभिन्न आतंकवादी संगठनों की मदद कर रहे 13 ओवरग्राउंड वर्करों को भी गिरफ्तार किया। इन अभियानों के दौरान सीआरपीएफ ने भारी मात्रा में हथियार व गोलाबारूद भी बरामद किए। इस समय भी कमांडेंट तिवारी जिला बारामुला में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी रखे हुए हैं। कश्मीर में शांति बहाली में अहमद योगदान निभा रहे कमांडेंट व उनकी टीम स्थानीय लोगों की मदद को हर दम तत्पर रहती है।