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Jammu Tourism : घराना वेटलैंड के अलावा दूसरे इलाकों में भी सरपट्टी सवन बना रहे हैं अपना ठिकाना

घराना वेटलैंड की शान बने यह पक्षी इस बार कठुआ जिले के रंजीत सागर डेम क्षेत्र में भी दिख रहे हैं। यहां पर अच्छी संख्या में सरपट्टी सवन प्रवास के लिए पहुंच रहे हैं। यह पहला मौका है जब इन पक्षियों की यहां पर उपस्थिति दिखी है।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 03:01 PM (IST)
Jammu Tourism : घराना वेटलैंड के अलावा दूसरे इलाकों में भी सरपट्टी सवन बना रहे हैं अपना ठिकाना
रंजीत सागर डेम के आसपास सिरपट्टी सवन के नजारे लोगों को देखने में मिल रहे हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : घराना वेटलैंड (Wetland)  पहुंचे दुनिया में सबसे ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए माने जाने वाले प्रवासी पक्षी सरपट्टी सवन (bar-headed goose) अब आसपास के दूसरे क्षेत्रों में भी ठिकाने बना रहे हैं। घराना वेटलैंड की शान बने यह पक्षी इस बार कठुआ जिले के रंजीत सागर डेम क्षेत्र में भी दिख रहे हैं। यहां पर अच्छी संख्या में सरपट्टी सवन प्रवास के लिए पहुंच रहे हैं। यह पहला मौका है, जब इन पक्षियों की यहां पर उपस्थिति दिखी है। यह पर्यावरण के लिहाज से अच्छा संकेत है।

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रंजीत सागर डेम के आसपास सिरपट्टी सवन के नजारे लोगों को देखने में मिल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यह प्रवासी पक्षी अब अखनूर के चिनाब दरिया के किनारे भी अपना बसेरा बना रेह हैं। इनको कई बार यहां पर उड़ते हुए देखा गया। जबकि तवी नदी के कुकरेआल वेटलैंड में भी यह पक्षी बैठ रहे हैं। सरपट्टी सवन अब कश्मीर में भी दिखने लगे हैं। पिछले साल पहली बार यह पक्षी पंपौर वेटलैंड में भी रिकार्ड किए गए। 2019 के अलावा नवंबर-दिसंबर 2020 में भी यह पक्षी पंपौर वेटलैंड में विचरण करते दिखे।

पर्यावरणविद चंद्रमोहन शर्मा का कहना है कि जिस तरह से सिरपट्टी सवन अपने ठिकाने बदल रहे हैं, उससे साफ हैं कि आने वाले समय में यह पक्षी जम्मू कश्मीर के दूसरे नदी नाले वाले क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दिखाएंगे। आने वाले दिनों में इन पक्षियों का यहां पर और फैलाव होगा। बहरहाल घराना वेटलैंड में सरपट्टी सवन इस साल अपेक्षाकृत कम संख्या में हैं, लेकिन अभी आने वाले दिनों में इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। इस समय घराना वेटलैंड में विभिन्न प्रजाति क पक्षी सर्दियां बिताने के लिए यहां पर पहुंचे हुए हैं। इनमें कामन टील, कामन कूट, नार्दर्न शावलर, पिन टेल, हेरान, कारमोरेंट, ग्रेलाग गूज, वाटर हेन, वूली स्ट्रोक, गडवाल आदि शामिल हैं।


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