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Jammu: बागवानी विभाग की बैकयार्ड हार्टीकल्चर योजना से ग्रामीण इलाकों में बढ़ी फलों की बहार

जो पौधा बाजार में 40-50 रुपए में मिलता है वह योजना के तहत चार-पांच रुपये का पड़ रहा है। भलवाल गांव के किसान राकेश कुमार का कहना है कि सस्ते में पौधे मिल रहे हैं इसे कौन लेना नहीं चाहेगा। हर किसान चाह रहा है कि यह पौधे लगाए जाएं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 03:00 PM (IST)
Jammu: बागवानी विभाग की बैकयार्ड हार्टीकल्चर योजना से ग्रामीण इलाकों में बढ़ी फलों की बहार
इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी ही वहीं गांव का पर्यावरण भी बेहतर होगा।

जम्मू, जागरण संवाददाता। अब ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर हरियाली ही नहीं और फलों की बहार भी बढ़ जाएगी। क्योंकि बागवानी विभाग ने बैकयार्ड हार्टीकल्चर योजना के तहत घर-घर फलदायक पौधे लगाना आरंभ कर दिए हैं। गांव का हरेक घर पौधों से सज रहा है। योजना के तहत 90 फीसद सब्सिडी पर किसानों को पांच फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं जोकि किसानों को अपने घर आंगन में लगाने होते हैं।

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ये पौधे महज 20 रुपए के ही किसानों को पड़ते हैं। इस योजना का मकसद यह है कि घर आंगन तो हरा भरा हो ही वहीं फलों की पैदावार भी बढ़ जाए ताकि हरेक घर को फायदा हो। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए विभाग ने काम शुरू कर दिया है। अखनूर, सांबा, भलवाल, खौड़, मंडल, पुरमंडल आदि क्षेत्रों में पौधे लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। बागवानी विभाग के अधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि देखने में यह योजना छोटी लगती है लेकिन बारीकी से देखा जाए तो इस योजना का लाभ बहुत बड़ा है। जैसे किसी गांव में सौ घर हैं और हर घर में पांच-पांच फलदार पौधे लग गए तो गांव में 500 पौधा बढ़ गया। ऐसे में चार साल बाद एक पेड़ 20 किलो भी उत्पाद दे तो दस हजार किलो फल गांव में बढ़ जाएगा। इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी ही वहीं गांव का पर्यावरण भी बेहतर होगा।

वहीं दूसरी ओर किसान खुश हैं। जो पौधा उनको बाजार में 40-50 रुपए में मिलता है, वह योजना के तहत चार-पांच रुपये का पड़ रहा है। भलवाल गांव के किसान राकेश कुमार का कहना है कि सस्ते में पौधे मिल रहे हैं, इसे कौन लेना नहीं चाहेगा। इसलिए हर किसान चाह रहा है कि उसके घर आंगन में यह पौधे लगाए जाएं। बागवानी विभाग के अधिकारियों ने योजना को सफल तरीके से लागू कराने के लिए पंचायत का भी सहयोग लिया है। इससे लोगों तक आसानी से पहुंचा जा रहा है।


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