Baba Amarnath Yatra 2021: बाबा अमरनाथ यात्रा का एलान, इस बार 56 दिन की होगी यात्रा, पढ़ें कब शुरू हो रही है यात्रा
बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा इस वर्ष 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त (रक्षाबंधन) तक जारी रहेगी। कुल मिलाकर 56 दिन की बाबा अमरनाथ की यात्रा पर देश विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है।
जम्मू, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल बाबा बर्फानी के दर्शनों से वंचित रहने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। इस वर्ष श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड कोविड 19 प्रोटोकाल को अपनाते हुए यात्रा को शुरू करने की इजाजत दे दी है। 56 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 28 जून से शुरू होगी और इसमें हर दिन दोनों मार्गों से 10-10 हजार श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने की अनुमति होगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में यात्रा शुरू करने का फैसला किया गया। यह तय किया गया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और देखभाल को देखते हुए इस बार यात्रा 56 दिनों की होगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाड चतुर्वेदी के दिन यात्रा 28 जून को शुरू होगी और श्रावण पूर्णिमा पर 22 अगस्त को संपन्न होगी। यात्रा में कोविड 19 के सभी प्रोटोकाल को लागू किया जाएगा। यात्रा के लिए एक अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक और येस बैंक की देश भर के 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 446 शाखाओं में एडवांस पंजीकरण शुरू होगा।
यही नहीं बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा से विश्व भर में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुबह और शाम के समय आरती का सीधा प्रसारण किया जाएगा। यह उन श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है जो यात्रा में भाग नहीं ले पाते हैं। श्रद्धालु यात्रा के बारे में कोई भी सूचना हासिल करने के लिए गुगल प्ले स्टोर से श्री अमरनाथ यात्रा एप डाउनलोड कर सकते हैं।यात्रा को सुचारू बनाने के लिए बैठक में कई अन्य प्रबंध भी किए गए हैं। इस वर्ष दोनों यात्रा मागों पर बनाए गए आधारभूत ढांचे और अन्य सुविधाओं को देखते हुए श्रद्धालुओं को भेजने की संख्या भी बढ़ाई गई है। पहले हर दिन दोनों मागों से 7500-7500 श्रद्धालुओं को भेजने की इजाजत होती थी। इस बार इसे बढ़ाकर दस हजार कर दिया गया है।
हेलीकाप्टर से जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इसमें शामिल नहीं है। उपराज्यपाल ने अखाड़ा परिषद, आचार्य परिषद को विशेष आमंत्रण भेजने के अलावा देश भर के साधु संत समाज के लिए विभिन्न धार्मिक स्थानों पर कांउटर स्थापित करने की संभावना तलाशने के लिए भी कहा गया। यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उपराज्यपाल ने दोनों मागों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड करने और आधुनिक उपकरण लगाने के लिए कहा। उन्होंने इमरजेंसी मामलों के लिए भी स्टाफ सदस्यों की तैनाती करने को कहा। उपराज्यपाल ने यात्रा शुरू होने से दो सप्ताह पहले भवन तथा दोनों यात्रा मागों पर संचार व्यवस्था को भी बहाल करने को कहा। यात्रा के आधार शिविर और अन्य स्थानों पर सफाई व्यवस्था को भी अपग्रेड करने के निर्देश दिए गए। बैठक में श्राइन बोर्ड ने पुजारियों को दिए जाने वाले मानदेय में भी बढ़ोतरी करने का फैसला किया। अगले तीन वर्ष के लिए प्रतिदिन एक हजार रुपये मानदेय को बढ़ाकर डेढ़ हजार रुपये कर दिया गया है।
इसी तरह श्रद्धालुओं के लिए ग्रुप दुर्घटना बीमा की राशि को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर इिया गया है। घोड़ों के लिए यह राशि तीस हजार से बढ़ाकर पचास हजार रुपये की गई है। श्रद्धालुओं के लिए समय पर स्वास्थ्य प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए व्याप्क स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए भी कहा गया। विभिन्न राज्यों में अधिकृत डाक्टरों द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्रों के आधार पर ही यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाएगी। यात्रियों को उसी दिन यात्रा करने की अनुमति होगी जो कि पंजीकरण के दौरान दी जाएगी। इसी तरह 13 वर्ष से कम और 75 वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। लं
गर संगठनों को भी हर प्रकार की सहायता देने का आश्वासन दिया गया। पहली बार होगी बैटरी कार की सुविधाइस बार यात्रा में बैटरी कार की व्यवस्था भी खास होगी। बोर्ड यह सुविधा बालटाल से दोमेल तक के 2.75 किलोमीटर मार्ग पर मुहैया करवाएगा। यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क होगी। इसी तरह बोर्ड मेटल और मिनरल ट्रेडिंग कारपोरेशन के माध्यम से पांच ग्राम और दस ग्राम के चांदी के सिक्के भी जारी कर रहा है। यात्रा के दौरान बोर्ड यह सिक्के भवन और बोर्ड कार्यालयों में श्रद्धालुओं को बेचेगा।बैठक में मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्त्तिय आयुक्त अटल ढुल्लू, श्राइन बोर्ड के सदस्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज, डीसी रैना, पंडित भजन सोपोरी, प्रो. अनिता बिलोरिया, डा. सुदर्शन कुमार, डा. सीएम सेठ, त्रिपता धवन, प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री और डा. देवी प्रसाद शेट्टी भी मौजूद थे।
कोविड के कारण नहीं हुई थी यात्रा
पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण बाबा अमरनाथ की यात्रा नहीं हो पाई थी। गत वर्ष बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा से सुबह और शाम के समय होने वाली आरती का सीधा प्रसारण होता था। यह पहली बार था कि बाबा अमरनाथ की यात्रा नहीं हो पाई थी। इससे पहले 2019 में बाबा अमरनाथ की यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था। पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और इसका पुनर्गठन होने के चलते सुरक्षा कारणों से यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था। यात्रा 46 दिन की थी और एक जुलाई से पंद्रह अगस्त तक चलनी थी।नहीं है यात्रा की निर्धारित अवधिबाबा अमरनाथ की यात्रा अवधि कभी भी निर्धारित नहीं रही। सुरक्षा और मौसम के अनुसार ही यात्रा अवधि तय की जाती है। वर्ष 2018 में यात्रा की अवधि 60 दिन थी जबकि वर्ष 2017 में 40 दिन थी। इससे पहले कभी यात्रा अवधि कभी 44 दिन तो कभी 55 दिन रही है।