Lockdown Effect: पूर्व रणजी क्रिकेटरों की मदद को अजहरुद्दीन, कीर्ति आजाद समेत कई आए आगे, 24 लाख इकट्ठे किए
देशभर के 30 पूर्व रणजी क्रिकेटरों को सहायतार्थ राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। राजेश ने बताया कि अभी तक आइसीए के खाते में 24 लाख जमा हो चुके हैं।
जम्मू, विकास अबरोल : देशभर में लॉकडाउन से हर वर्ग प्रभावित हुआ है। इसमें क्रिकेटर भी शामिल हैं। हैरानगी भरा है। पैसे और नेम-फ्रेम के खेल क्रिकेट में कई पूर्व रणजी खिलाडिय़ों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ये वे क्रिकेटर हैं जो 25 से कम रणजी मैच खेल चुके हैं। इनकी मदद को न स्थानीय क्रिकेट एसोसिएशन और न ही बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया आगे आया है। ऐसे में इंडियन क्रिकेट एसोसिएशन (आइसीए) इनके लिए मसीहा बनकर आगे आया है। इसके तहत पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन, कीर्ति आजाद समेत कई क्रिकेटर ने मदद की है।
इंडियन क्रिकेट एसोसिएशन (आइसीए) के अध्यक्ष एवं पूर्व क्रिकेटर अशोक मल्होत्रा ने सभी सदस्यों से पूर्व रणजी क्रिकेटरों की मदद करने के लिए सहयोग मांगा है जिन्होंने चाहे एक ही रणजी ट्रॉफी मैच क्यों न खेला हो। बीसीसीआइ के नियमों के मुताबिक जो खिलाड़ी 25 से अधिक प्रथम श्रेणी के रणजी ट्रॉफी मैच खेलते हैं, उन्हें पेंशन के रूप में हर महीने 25 हजार मिलते हैं। तयशुदा 25 मुकाबलों से कम खेलने वाले पूर्व रणजी क्रिकेटरों के लिए इस समय जीवन-यापन करना बड़ी चुनौती है। 25 मुकाबले से कम खेलने वाले कई पूर्व रणजी क्रिकेटरों कामधंधा कर जीविका चलाते हैं। लॉकडाउन में इनके सामने संकट खड़ा हो गया है।
अभी तक जमा हो चुके 24 लाख: आइसीए ने जम्मू-कश्मीर सहित देशभर के सभी राज्यों के पूर्व स्टार क्रिकेटरों से सहयोग मांगा है। उन्होंने प्रत्येक सदस्यों और सभी पूर्व रणजी क्रिकेटरों से मात्र एक हजार का सहयोग करने की अपील की है। उनकी अपील पर पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन, कीर्ति आजाद, लालचंद राजपूत मदद कर चुके हैं। आइसीए के सदस्य एवं प्रदेश के पूर्व रणजी क्रिकेटर राजेश गिल और गेम चेंजर के मालिक अविनाश उत्तम ने पांच-पांच हजार का योगदान किया है। राजेश ने प्रदेश के अन्य पूर्व रणजी क्रिकेटरों से भी मदद के लिए आगे आने को कहा है। देशभर के 30 पूर्व रणजी क्रिकेटरों को सहायतार्थ राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। राजेश ने बताया कि अभी तक आइसीए के खाते में 24 लाख जमा हो चुके हैं। उम्मीद है कि प्रदेश और अन्य राज्यों के पूर्व रणजी क्रिकेटर अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए सहयोग जरूर करेंगे।
पत्नियों को पेंशन लाभ मिले : करीब आठ महीने पहले गठित आइसीए के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने रणजी क्रिकेट मुकाबला खेलने वाले पूर्व क्रिकेटरों सहित दिवंगत क्रिकेटरों की पत्नियों को पेंशन सुविधा देने की बीसीसीआइ से अपील की है, ताकि जीवन के कठिन दौर में खिलाडिय़ों के योगदान को भुलाया न जा सके।
मजबूरी बल्ला उठाने नहीं देती : जम्मू कश्मीर में क्रिकेट का जुनून सिर चढ़कर बोलता है। 25 से कम रणजी मुकाबले खेलने वालों की संख्या 50 से अधिक है। इनमें कुछ निजी नौकरियां कर जीवन-यापन कर रहे हैं, लेकिन इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो रेहड़ी-फडी व दुकानों में काम करने को मजबूर हैं। दूरदराज क्षेत्रों के ये क्रिकेटरों को मजबूरी बल्ला उठाने नहीं देती।