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दो साल बाद कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे आजाद, मीर गुट से हुआ सामना, गुटबाजी समाप्त करने का प्रयास

आजाद जब पार्टी मुख्यालय पहुंचे तो वहां प्रदेश प्रधान गुलाम अहमद मीर कार्यवाहक प्रधान रमन भल्ला सहित अन्य नेता मौजूद थे। आजाद के समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे थे। दो साल में आजाद के दौरों में मीर या उनके समर्थक नेता कभी नजर नहीं आए।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 10:57 AM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 10:57 AM (IST)
दो साल बाद कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे आजाद, मीर गुट से हुआ सामना, गुटबाजी समाप्त करने का प्रयास
प्रदेश कांग्रेस कमेटी का चिंतन शिविर पत्नीटाप में एक व दो जून को हो रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का जम्मू कश्मीर दौरा पार्टी में गुटबाजी समाप्त करने की दिशा में प्रयास है। पार्टी हाई कमान के दिशा निर्देशों व उदयपुर में गत दिनों पार्टी के चिंतन शिविर के बाद जम्मू कश्मीर में आजाद ने करीब दो साल बाद पार्टी मुख्यालय पहुंच कर एकता का संदेश दिया। आजाद जब पार्टी मुख्यालय पहुंचे तो वहां प्रदेश प्रधान गुलाम अहमद मीर, कार्यवाहक प्रधान रमन भल्ला सहित अन्य नेता मौजूद थे। आजाद के समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे थे। दो साल में आजाद के दौरों में मीर या उनके समर्थक नेता कभी नजर नहीं आए।

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आजाद के समर्थक नेता पार्टी हाईकमान को पत्र लिखकर आग्रह कर चुके हैं कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी की कमान आजाद के हाथ में दी जाए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी का चिंतन शिविर पत्नीटाप में एक व दो जून को हो रहा है। इसमें पार्टी की गुटबाजी समाप्त करने व एकता का संदेश देने के लिए आजाद और पार्टी की जम्मू कश्मीर प्रभारी रजनी पाटिल आएंगी। प्रदेश प्रधान गुलाम अहमद मीर व कार्यवाहक प्रधान रमन भल्ला पत्नीटाप में प्रबंधों का जायजा लेने चले गए।

आजाद के साथ प्रदेश प्रधान गुलाम अहमद मीर, कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला बिलकुल साथ थे। उन्होंने बैठक में जम्मू कश्मीर के सुरक्षा हालात, परिसीमन की रिपोर्ट समेत पार्टी की गतिविधियों की जानकारी आजाद को दी। पार्टी की एकजुटता में यह अहम संकेत है। गत दिनों उदयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर में यह बात सामने आई थी कि पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कांग्रेस के विभिन्न प्रदेशों में प्रधान को स्वयं ही हट जाना चाहिए ताकि नए प्रदेश प्रधान नियुक्त किए जाए।

मीर जम्मू कश्मीर कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रधान का जिम्मा पिछले सात साल से संभाल रहे हैं। इसलिए आने वाले समय में मीर हट सकते हैं। उन्हें पार्टी को कोई अन्य जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। चूंकि आजाद काफी वरिष्ठ नेता हैं इसलिए प्रदेश प्रधान का पद या प्रभारी का पद तो नहीं। विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा आजाद ही होंगे। आजाद रविवार को श्रीनगर जाएंगे और सोमवार को दिल्ली लौटेंगे।


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