Jammu: पुराने शहर में नई पहल, जुलाका मुहल्ले की गली चौड़ी हुई तो चलने लगा आटो
कॉरपोरेटर ने संकरी गली की नालियों पर लोहे के जंगले लगवाए और इन्हें चौड़ा किया। इतना ही नहीं दुकानदारों से भी सहयोग लिया और गलियां खुली होने लगी। जुलाका मुहल्ले के भाखड़ी चौक से गली में आटो चलाया गया। यह आटो शिव मंदिर चौक तक जाया सकेगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता : स्थानीय निकाय चुनाव करवाने के फायदे दिखना शुरू हो गए हैं। पुराने शहर की जिन गलियाें में कभी आटो नहीं पहुंचा पाता था, अब उन गलियों में आटो दौड़ेंगे। इसकी शुरुआत पुराने शहर के जुलाका मुहल्ले से हो गई है। शुक्रवार को कॉरपोरेटर जगदीश कुमार लाली के प्रयासों से जुलाका मुहल्ले की गली में पहली बार आटो पहुंचा। कॉरपोरेटर ने प्रयास करते हुए संकरी गली की नालियों पर लोहे के जंगले लगवाए और साथ ही गलियां ठीक करवाते हुए इन्हें चौड़ा किया। इतना ही नहीं दुकानदारों से भी सहयोग लिया और गलियां खुली होने लगी। जुलाका मुहल्ले के भाखड़ी चौक से गली में आटो चलाया गया। यह आटो शिव मंदिर चौक तक जाया सकेगा।
पुराने शहर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी गली में आटो चलने लगा हो। हालांकि अभी एक गली में आटो चलाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन आने वाले समय में अन्य गलियों को भी दुकानदारों व लोगों के सहयोग से खुला किया जाएगा और फिर जरूरत पड़ने पर आटो गलियों से सवारियां उठाने के लिए आ सकेंगे। शहर के वार्ड नंबर 2 के कॉरपोरेटर जगदीश कुमार ने कहा कि जुलाका मुहल्ले के लोगों ने सहयोग किया और हम गली को खुला करने में सफल हो पाए। इसी का नतीजा है कि आज पहली बार पुराने शहर की किसी गली में आटो पहुंच सकता है। इस गली व आसपास के गलियों में रहने वालों को अब काफी सुविधा हो जाएगी।
जरूरत पड़ने पर कभी भी आटो को गली में बुलाया जा सकेगा। पहले कभी कोई बीमार पड़ जाता या कोई और परेशानी होती तो व्यक्ति को चौक-चबूतरा मुख्य मार्ग तक आना पड़ता था। लोग सहयोग करें तो आने वाले दिनों में अन्य गलियों को भी खुला करेंगे ताकि हर गली में कम से कम आटो पहुंचे। वहीं स्थानीय निवासी जितेंद्र जोशी, राजेश बाली, वीरेंद्र भाखड़ी, कुलभूषण आनंद, केवल शर्मा, अजीत सिंह, सुभाष चंद्र चौहान ने कॉरपोरेटर के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि गली में आटो पहुंचने से सभी ने राहत की सांस ली है। कम से कम इमरजेंसी के समय में आटो तो बुला सकेंगे। उन्होंने कहा कि अन्य गलियों में भी ऐसे ही काम होना चाहिए। गलियां चौड़ी होंगी तो सभी को सुविधा होगी। कॉरपोरेटर ने गली को चौड़ा करवाया। नालियों पर लोहे के जंगले लगाए जिससे यह संभव हुआ है।