Jammu Kashmir में विधानसभा चुनाव अगले साल 2022 में अमरनाथ यात्रा से पहले होने की संभावना
अगले साल 2022 में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनावा हो सकता सकता है। ऐसे संभावना जताई जाने लगी है। क्योंकि परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में नए विधानसभा सीटों से संबंधित अपनी मसौदा रिपोर्ट तैयारी कर ली है।
जम्मू, जेएनएन : सब ठीक रहा तो अगले साल 2022 में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनावा हो सकता सकता है। ऐसे संभावना जताई जाने लगी है। क्योंकि परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में नए विधानसभा सीटों से संबंधित अपनी मसौदा रिपोर्ट तैयारी कर ली है। इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई कर रही हैं। परिसीमन होने के बाद जल्द ही विधानसभा चुनाव करवाए जाने की बात केंद्र सरकार की ओर से कही जा रही थी।
सूत्रों के मुताबिक परिसीमन को लेकर जो मसौदा रिपोर्ट तैयार किया गया है, उसे अब नेशनल कांफ्रेंस के तीन लोकसभा सदस्यों फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी व अकबर लोन और भाजपा के जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर शर्मा सहित सहयोगी सदस्यों के साथ साझा किया जाएगा। यानी इस प्रक्रिया में भी बहुत वक्त नहीं लगने वाला है। दूसरी तरफ इसी संभावना को देखते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भाजपा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने जनसंपर्क और सभाओं का दौर शुरू कर दिया है।
पिछले दिनों पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने चिनाब घाटी की यात्रा की थी और अब नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला चिनाब क्षेत्र में सियासी जमीन मजबूत करने में जुटे हुए हैं। वहीं भाजपा ने भी अपने पार्टी कैडर को पहले ही बता दिया है कि विधानसभा चुनाव अब आगे नहीं टाले जाएंगे। चुनाव अगले साल अमरनाथ यात्रा से पहले हो रहे हैं। लिहाजा हर चुनाव दल अभी से जनता के बीच पहुंचने लगा है। पीडीपी और नेकां भाजपा को 370 हटाने के मुद्दे पर घेरने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा क्षेत्र में 90 सीटें होने की उम्मीद : नए सिरे से परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें होने की संभावना है। अभी तक 87 सीटें हैं। इनमें से चार लद्दाख क्षेत्र की थीं जो अब एक अलग केंद्र शासित प्रदेश है। जबकि कश्मीर घाटी में 47 और जम्मू संभाग में 36 सीटें अभी हैं। बताया जा रहा है कि अब नए परिसीमन के मुताबिक जम्मू संभाग में कम से कम छह सीटें जोड़ी जाएंगी और घाटी में मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों में से दो नए विधानसभा क्षेत्र बनाए जाएंगे।
जम्मू कश्मीर में बिल्कुल नया होगा राजनीतिक परिदृश्य : आगामी विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक परिदृश्य बिल्कुल बदला होगा। जम्मू संभाग में भाजपा का वर्चस्व बरकरार रहने की संभावना है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी भी क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय नेता हैं। भाजपा के प्रतिद्वंद्वी पार्टी के स्थानीय नेतृत्व की अलोकप्रियता के बावजूद प्रधनमंत्री का व्यक्तित्व प्रभावी लग रहा है। वहीं कश्मीर घाटी में प्रमुख नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को सज्जाद गनी लोन की अध्यक्षता वाली पीपुल्स कांग्रेस और सैयद अल्ताफ बुखारी की अध्यक्षता वाली अपनी पार्टी व अन्य राजनीतिक दलों के चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।