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Jammu Kashmir Article 370: फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर को फिर दें राज्य का दर्जा

फारूक बोले- सर्वोच्च न्यायालय से नेकां को उम्मीदें विधानसभा चुनाव में भाग लेना का फैसला पार्टी की कमेटी करेगी नए डोमिसाइल नियमों की निंदा की

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:30 AM (IST)
Jammu Kashmir Article 370: फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर को फिर दें राज्य का दर्जा
Jammu Kashmir Article 370: फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर को फिर दें राज्य का दर्जा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। श्रीनगर के सांसद और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर सियासी तौर पर सक्रिय होते दिख रहे हैं। अनुच्छेद 370 के खात्मे के लगभग एक साल बाद उन्होंने पहली बार इस विषय पर बात की और एक बार फिर जम्मू कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की आवाज उठाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 370 हटाने के प्रावधान को वापस लेकर लोगों के साथ न्याय करेगी।

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डॉ. फारूक ने कहा कि उनकी पार्टी लोकतांत्रिक तरीकों से जम्मू-कश्मीर में बदलाव के खिलाफ लड़ाई लड़ती रहेगी। उन्होंने इस बदलाव को जम्मू-कश्मीर के लोगों से विश्वासघात करार दिया। अनुच्छेद 370 हटने के बाद करीब सात महीने तक हिरासत में रहे डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोकतंत्र के दायरे रहकर अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमने कभी भी बंदूक को समर्थन नहीं दिया।

केंद्र सरकार को विश्वास बहाल करना होगा। यह विश्वास तभी पैदा होगा जब जम्मू-कश्मीर को फिर राज्य बना दिया जाएगा। केंद्र ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद विकास होगा, आतंकवाद खत्म हो जाएगा। क्या अब आतंकवाद खत्म हो गया? विकास जरा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद के कारण बहुत कुछ सहा है। अब कोरोना संक्रमण के कारण परेशान हैं। हमें शांति के अलावा अपना स्वभाविमान चाहिए। विधानसभा चुनाव में भाग लेने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री का कहना था कि यह वह नहीं बल्कि उनकी पार्टी की वर्किंग कमेटी तय करेगी।

नेकां प्रधान ने नए डोमिसाइल नियमों की निंदा करते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर की डेमोग्राफी को बदलने का प्रयास है। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। परिसीमन कमीशन पर डॉ. फारूक ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने इसका बहिष्कार किया है। यह प्रक्रिया साल 2026 में देश के अन्य भागों के साथ होनी थी। इसे देखकर ही लगता है कि उनकी नीयत सही नहीं है।

कांग्रेस और पैंथर्स भी मांग रही पूर्ण राज्य

जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे विपक्षी पार्टियां लामबंद होती दिख रही हैं। पैंथर्स 5 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी भी राज्य का दर्जा बहाल की मांग कर रही हैं। पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव ने कहा कि हमारी पार्टी अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ नहीं है लेकिन जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करें। 5 अगस्त को पार्टी जिला और तहसील मुख्यालय स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि अब तो एक साल होने को आया है। केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए। हमने केंद्र शासित प्रदेशों से राज्य बनते देखे हैं, लेकिन राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनते नहीं देखा। 

जम्मू कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे ने जोर पकड़ा

जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का एक साल पूरा होने को आया है। ऐसे में भाजपा एक तरफ यहां इसे ऐतिहासिक दिन करार देते हुए पांच अगस्त से बीस अगस्त तक पखवाड़़ा मना रही है तो विपक्षी पार्टियों ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने के मुद्दे पर आंदोलन चलाने के लिए सक्रिय हो गई है।


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