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Vijay Diwas : आज फिर 48 साल पहले की जीत का जश्न मनाएगी सेना, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की सेना के छुड़ा दिए थे छक्के

जम्मू कश्मीर में चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा पर मुस्तैद भारतीय सेना सोमवार को विजय दिवस पर 48 साल पहले पाई शानदार जीत का जश्न मनाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 10:22 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 10:26 AM (IST)
Vijay Diwas : आज फिर 48 साल पहले की जीत का जश्न मनाएगी सेना,  1971 के युद्ध में पाकिस्तान की सेना के छुड़ा दिए थे छक्के
Vijay Diwas : आज फिर 48 साल पहले की जीत का जश्न मनाएगी सेना, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की सेना के छुड़ा दिए थे छक्के

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू कश्मीर में चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा पर मुस्तैद भारतीय सेना सोमवार को विजय दिवस पर 48 साल पहले पाई शानदार जीत का जश्न मनाएगी। विजय दिवस पर जवानों का जज्बा ऐसा दिखेगा कि दुश्मन ताकते ही रह जाएंगे।

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वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में जम्मू की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की टाइगर डिवीजन ने छंब सेक्टर में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे। जम्मू जिले के अखनूर के चिकन नेक इलाकों में सेना ने अपनी बहादुरी से दुश्मन के जम्मू पर कब्जा करने के मंसूबों को नाकाम बनाया था। सोमवार को विजय दिवस पर सेना की अन्य फारमेशनों के साथ टाइगर डिवीजन भी अपने शहीदों की बहादुरी से प्रेरणा लेगी।

93 हजार जवानों के साथ पाकिस्तान ने टेके थे घुटने

16 दिसंबर 1971 को जनरल एएके नियाजी के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना के 93000 अधिकारियों व जवानों ने भारतीय सेना के आगे घुटने टेक दिए थे। तब पाकिस्तान से आजाद होकर अलग देश बांग्लादेश बन गया था। पाकिस्तान इस करारी हार को आज तक भुला नहीं पा रहा है। वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को शह देकर अपनी खिसियाहट निकालने की कोशिश कर रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद विश्व के इतिहास में यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था।

सेना की उत्तरी कमान के शहीद भी याद किए जाएंगे

सेना की पूर्वी कमान के साथ सेना की उत्तरी कमान ने भी इस युद्ध में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। सेना की उत्तरी कमान के क्षेत्राधिकार जम्मू कश्मीर व लद्दाख में सेना ने प्रतापपुर, कारगिल, तंगडार, पुंछ व शक्करगढ़ जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना को धूल चटाई थी। इस दौरान सेना के कई अधिकारियों, जवानों ने शहादत भी पाई। विजय दिवस पर उत्तरी कमान के इन शहीदों को याद किया जाएगा। सेना की उत्तरी कमान की चौदह, पंद्रह व सोलह कोर मुख्यालयों, सैन्य डिवीजनों के साथ पश्चिम कमान की नौ कोर के अधीन आने वाली जम्मू की टाइगर डिवीजन भी अपने उन शहीदों को याद करेगी, जिन्होंने 1971 के युद्ध में अपने प्राणों की आहूति देकर सेना को एतिहासिक जीत दिलाई थी।

इतिहास की शानदार जीत है यह

विजय दिवस उस शानदार जीत की याद दिलाता है जब 16 दिसंबर 1971 को सेना की पूर्वी कमान की जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी को 93,000 सैनिकों समेत घुटने टेकने के लिए मजबूर कर बांग्लादेश को आजाद करवाया था।


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