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Jammu Kashmir: आतंकियों ने जिस बस अड्डे को जलाया, उसे सेना ने बना दिया ज्ञान का केंद्र

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के जिस बस अड्डे को पांच साल पहले आतंकियों ने जला दिया था उसे अब युवाओं के लिए ज्ञान का केंद्र बना दिया है। सेना ने युवाओं को विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करने के लिए उबड़-खाबड़ बस अड्डे को स्ट्रीट लाइब्रेरी में बदल दिया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 08:24 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 08:24 PM (IST)
Jammu Kashmir: आतंकियों ने जिस बस अड्डे को जलाया, उसे सेना ने बना दिया ज्ञान का केंद्र
राष्ट्रीय राइफ्ल के 2-सेक्टर हेडक्वार्टर ने भी किताबें दान की हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : सेना ने दक्षिण कश्मीर में एक अनूठा प्रयास किया है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के जिस बस अड्डे को पांच साल पहले आतंकियों ने जला दिया था, उसे अब युवाओं के लिए ज्ञान का केंद्र बना दिया है। सेना ने युवाओं को विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करने के लिए इस उबड़-खाबड़ बस अड्डे को स्ट्रीट लाइब्रेरी में बदल दिया। इसमें अब उच्च शिक्षा और प्रतिस्पर्धाओं की तैयारी के लिए युवाओं ने आना शुरू कर दिया है। सेना की 18 राष्ट्रीय राइफल ने फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में यह लाइब्रेरी स्थापित की। इसमें रानीपुरा, छिट्टीसिंहपुरा, केजरीवाल, देवीपोरा गांव के युवाओं को लाभ मिल रहा है। इस लाइब्रेरी में छोटे बच्चों के लिए भी किताबें रखी जा रही हैं।

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दक्षिण कश्मीर और मध्य कश्मीर को देखनेे वाले कमांडिंग आफिसर 18आरआर ले. कर्नल रोहित झा ने देखा कि उच्च शिक्षा हासिल कर रहे युवाओं को पढ़ाई में दिक्कत आ रही है। यही नहीं, बच्चों की भी पढ़ाई नहीं हो रही है। इसके तुरंत बाद ले. कर्नल झा ने सामाजिक संदेश देने वाली किताबों और कामिक्स को भी तुरंत लाइब्रेरी में रखने का आदेश दिया। यह स्ट्रीट लाइब्ररी सुबह खुल जाती है। इसके तुरंत बाद बच्चों और अन्य को इसमें आते हुए देखा जा सकता है। इसके लिए राष्ट्रीय राइफ्ल के 2-सेक्टर हेडक्वार्टर ने भी किताबें दान की हैं। यह बस अड्डा अनतंनाग जिले के देवीपोरा-छिट्टीसिंह पोरा में स्थित है।

लाइब्ररी बनने के बाद अब यह बस अड्डा ज्ञान का नया केंद्र बन गया है। इसमें हर समय अब युवाओं की पढ़ाने के लिए भीड़ रहती है। सेना की इस यूनिट ने अभी बुक्स आफ इंडिया के साथ भी संपर्क किया है। उन्होंने भी इस काम के लिए किताबें देने की हामी भरी है। सेना का कहना है कि केवल पढ़ाई के लिए ही इसे शुरू नहीं किया गया है, बल्कि पढ़ाई से दिमाग भी सही रहता है। विद्यार्थियों की मदद के लिए इसमें हर प्रकार की किताबें रखी गई हैं। इसमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की इंडिया-2020, खलील गिबरान और लघु कहानियों की किताबें भी शामिल हैं।

वर्ष 2016 में आतंकवादियों ने जला दिया था बस अड्डा : इस बस अड्डे को वर्ष 2016 में आतंकवादियों ने जला दिया था। इसके बाद सेना ने युवाओं में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए यह स्ट्रीट लाइब्ररी बनाई। अब सेना की इस तरह की और भी स्ट्रीट लाइब्रेरी बनाने की योजना है ताकि युवा इसका लाभ उठा सकें। लाइब्रेरी में एक नोटिस बोर्ड भी लगाया है। इसमें आनेे वाली नई किताबों की जानकारी दी गई है। यही नहीं, इसमें आने वाले राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के बारे में भी जानकारी दी गई है। इसमें युवाओं को सेना में शामिल होने के बारे में भी गाइड किया जाता है। सेना के अधिकारियों के अनुसार युवाओं ने कुछ नई किताबों की मांग की है। इन्हें बाजार से खरीदा जा रहा है।


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