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Army in Kashmir: कश्मीर के मूक बधिर दोस्त की मुस्कुराहट की वजह बना सेना का मेजर

Army in Kashmir अब मेजर मैनी ने अपने नन्हे दोस्त का किसी अच्छे संस्थान में बेहतर इलाज करवाने का भी परिजनों का आश्वासन दिया है। उन्होंने परिजनों को कहा है कि गौहर जल्दी ही पूरी तरह से सुनना शुरू करेगा और सभी से बातें भी करेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 12:41 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 12:41 PM (IST)
Army in Kashmir: कश्मीर के मूक बधिर दोस्त की मुस्कुराहट की वजह बना सेना का मेजर
बड़ा बेटा करार देते हुए गौहर के माता-पिता कहते हैं कि उसने तो उनकी पूरी जिंदगी ही बदल दी है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: आतंकवादी संगठनों की धमकियों की वजह से सेना से दूर रहने वाले कश्मीर के लोग अब सेना को अपने दुख-सुख का साथी मानते हैं। उन्हें यह बात समझ आ गई है कि उनके अपनों को छिनने वाली आतंकी नहीं बल्कि गलत रास्ते पर निकले उनके बच्चों को उनसे मिलने वाली सेना की उनकी सच्ची हितैषी है। जिला कुपवाड़ा की यह घटना साबित करती है कि आतंकवादियों से लड़ने के साथ सेना को अपने इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों की भी परवाह होती है। उनके दुख-तकलीफों को दूर करने के लिए अगर उन्हें किसी हद तक भी जाना पड़े तो वह परवाह नहीं करते।

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आतंकवाद से ग्रस्त उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में सेना के एक मेजर का नाम लोगों की जुबान पर ही नहीं बल्कि दिलों पर छाया हुआ है। अपनी ड्यूटी को निभाते हुए उन्होंने ऐसा काम किया कि आज वह लोगों के दिलों में बस गया है। मेजर की नेकदिली इन दिनों इस जिले में चर्चा में है। मामला यह है कि मेजर के प्रयासों से एक मूक बधिर बच्चे की जिंदगी ही बदल गई है। यह बच्चा अब धीरे-धीरे सुनने लगा है। उसके परिजनों को अब यह उम्मीद बंद गई है कि उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ होकर अन्य बच्चों की तरह ही जिंदगी जी सकेगा।

उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के छंजमूला क्षेत्र के रहने वाले गौहर को बचपन से न तो सुनाई देता था और न ही वह बोल पाता था। इसी क्षेत्र में मौजूद सेना की एक यूनिट में मेजर कमलेश मैनी की तैनाती हुई। वह अकसर क्षेत्र में आते और लोगों के बीच पहुंच उनकी परेशानियों को सुनते। इस दौरान उनकी मुलाकात गौहर से हुई। धीरे-धीरे मेजर मैनी की गौहर से दोस्ती होने लगी। गौहर अकसर इशारों में मेजर को अपनी बात समझता था। लेकिन कई बार मेजर यह समझ नहीं पाते थे और परिजन भी इस दौरान भावुक हो जाते थे।

यह बात मेजर मैनी को भी भावुक कर जाती थी और उन्होंने धीरे-धीरे उसके इलाज के बारे में डॉक्टरों से भी परामश करना शुरू कर दिया। डॉक्टरों ने जब उन्हें यह उम्मीद बंधाई कि यह बच्चा ठीक हो सकता है तो उन्होंने अपने दोस्त गौहर का इलाज करवाने का फैसला किया। उनके प्रयास भी रंग लाने लगे और गौहर ने सुनना शुरू कर दिया। अब वे मेजर मैनी की बातें सुन सकता था। लेकिन अभी भी सुनने की क्षमता कम थी। मगर मेजर के इन प्रयासों से पूरा गांव खुश हो गया।

अब मेजर मैनी ने अपने नन्हे दोस्त का किसी अच्छे संस्थान में बेहतर इलाज करवाने का भी परिजनों का आश्वासन दिया है। उन्होंने परिजनों को कहा है कि गौहर जल्दी ही पूरी तरह से सुनना शुरू करेगा और सभी से बातें भी करेगा। गौहर के परिजन भी अब मेजर के प्रयासों से खुश हैं। उनका कहना है कि उनका बच्चा अब उनकी बातें सुनता है। वे मेजर मैनी की प्रशंसा करते थकते नहीं हैं। उन्हें अपना बड़ा बेटा करार देते हुए गौहर के माता-पिता कहते हैं कि उसने तो उनकी पूरी जिंदगी ही बदल दी है।

मां जमिला बेगम का कहना है कि मेजर कमलेश उनके बेटे गौहर जैसा ही है। उनके पास आभार जताने के लिए कोई शब्द नहीं हैं। गांव के लोग भी इन दिनों मेजर की दरियादिली की चर्चा कर रहे हैं। 


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