Move to Jagran APP

Kashmir: सेना ने सपनों को दिया आकार और कश्मीर में चमक उठे 30 सितारे

इन हालात में कश्मीर में बागवान और खेत में मजदूरी करने वालों के बेटे अब डॉक्टर बनने का सपना पूरे होने से प्रफुल्लित हैं। नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मसूद कुरेशी राथर आयतुल्ला रूहानी का कहना है कि परिवार के लिए महंगी कोचिंग और फीस देना संभव नहीं था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 01:45 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 01:45 PM (IST)
Kashmir: सेना ने सपनों को दिया आकार और कश्मीर में चमक उठे 30 सितारे
युवा प्रतिभाओं के समक्ष सुविधाओं की कमी नहीं आए, यही लक्ष्य है।

जम्मू, विवेक सिंह: पाकिस्तान और उसके पालतू अलगाववादी कश्मीर के युवाओं को हथियार और पत्थर थमा उनके भविष्य को अंधकार में धकेलने में जुटे हैं। सेना इस मोर्चे पर भी कश्मीरियों के साथ डटी है और गांव, दूरदराज पहाड़ी क्षेत्रों से युवा प्रतिभाओं को तराशकर उनके सपनों को आकार देने में जुटी है। नीट परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करने वाले सेना के यह 'सुपर 30' सितारे अब अन्य कश्मीरी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर उभरे हैं।

loksabha election banner

खास बात यह है कि यह सभी युवा दूरदराज के क्षेत्रों से हैं और इन्होंने भी डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना देखा था। आर्थिक स्थिति बेहतर न होने के कारण उनके परिजन उन्हें बेहतर कोचिंग और शिक्षा दिलाने में सक्षम नहीं थे। ऐसे में नीट परीक्षा की कोचिंग के लिए सेना ने इन प्रतिभाओं को तलाशना आंरभ किया। वर्ष 2018 से शुरू सेना की मुहिम युवाओं को बेहतर भविष्य की राह दिखा रही है। सभी सेना की बदौलत नीट परीक्षा पास करना डाक्टर बनने की राह पर हैं।

इन हालात में कश्मीर में बागवान और खेत में मजदूरी करने वालों के बेटे अब डॉक्टर बनने का सपना पूरे होने से प्रफुल्लित हैं। नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मसूद कुरेशी, राथर आयतुल्ला रूहानी का कहना है कि परिवार के लिए महंगी कोचिंग और फीस देना संभव नहीं था। ऐसे में सेना ने कोचिंग के साथ श्रीनगर में रहने और खाने तक की व्यवस्था करवाई। शारिक अली मल्ला व यासीन अहमद तांत्रे ने बताते हैं कि पिता की आंखों में बचपन से सपना था, यह अब साकार होता दिख रहा है। परिजन मानते हैं कि घरों में रहते हुए गांवों के माहौल में सुविधाओं के अभाव में इन बच्चों के लिए लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था। सेना ने न सिर्फ सुविधाएं दीं अपितु लक्ष्य को पाने का रास्ता भी दिखाया।

अब अगले मिशन पर सेना: अब सेना की कश्मीर सुपर 30 के सभी 30 विद्यार्थियों के नीट परीक्षा पास करने के बाद सेना अगले मिशन की तैयारी में जुटी है। अगले वर्ष के लिए 30 प्रतिभाशाली युवाओं की खोज जल्द आरंभ होगी। उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सेना का हिंदोस्तान पेट्रोलियम व राष्ट्रीय एकीकृत शैक्षणिक विकास संगठन से अनुबंध हो गया है। चुने गए युवाओं को नीट के लिए श्रीनगर में 12 माह तक नीट की कोङ्क्षचग दी जाएगी। इसी तर्ज पर जेईई के लिए 30 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस साल 47 युवाओं में से 28 ने जेईई मुख्य परीक्षा पास की है। इनमें से बांडीपोर के सुहेल माजीद ने 91.75 प्रतिशत अंक लिए।

  • युवा प्रतिभाओं के समक्ष सुविधाओं की कमी नहीं आए, यही लक्ष्य है। परीक्षाएं पास करने वाले ये युवा अच्छे डाक्टर व इंजीनियर बनकर देश व समाज की तरक्की में योगदान देंगे। - लेफ्टिनेंट कर्नल अभिनव नवनीत, पीआरओ, उत्तरी कमान।

यूं तलाशी जाती हैं प्रतिभाएं: सेना के सुपर 30 अभियान में शामिल होने के लिए युवाओं को चयन की कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के प्रतिभाशाली बच्‍चों को लिखित परीक्षा, साक्षात्कार में कामयाब रहने के बाद मेरिट में आने वाले 30 युवाओं को एक साल के लिए कोचिंग दिलावाई जाती है। इस बार की 30 प्रतिभाओं में जगह पाने के लिए 1400 छात्रों ने भाग्य आजमाया था। इनमें से 170 लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। साक्षात्कार के बाद बने मेरिट में टॉप आए 30 युवाओं को श्रीनगर में बारह महीने की ट्रेनिंग के लिए चुना गया। उनके रहने और खाने-पीने का बंदोबस्त सेना ने हिंदोस्तान पेट्रोलियम व राष्ट्रीय एकीकृत शैक्षणिक विकास संगठन के सहयोग से किया। इस बार यह मेेडिकल के लिए तीसरा बैच कोचिंग लेकर निकला है।

जेइई के लिए सात साल से जारी है सेना का सुपर 30: कश्मीर में वर्ष 2013 में 23 बच्चों के साथ सेना के जेईई के लिए आंरभ हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से अब तक 252 युवा प्रतिभाएं प्रशिक्षण पा चुकी हैं। इनमें से 165 युवा जेईई परीक्षा उत्तीर्ण कर विभिन्न शिक्षण संस्थानों में इंजीनियरिंग की शिक्षा पा रहे हैं। सेना के वरिष्ठ अधिकारी प्रशिक्षण के दौरान युवाओं का हौसला बढ़ाते हैं और आगे बढऩे की राह दिखाते हैं। सेंटर फार सोशल रिस्पांसिबिलिटी एंड लीडरशिप इस मुहिम में सेना को सहयोग दे रहा है। इसके साथ कुछ निजी कंपनियां भी युवाओं की जरूरतें पूरा करने में मदद करती हैं। युवाओं को पढ़ाई का माहौल देने के लिए सेना ने कक्षाओं, कंप्यूटर लैब के साथ स्टडी रूम और डाइनिंग हाल बनाया है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.