Army Chief in Ladakh: LAC पर पहुंचे थलसेना अध्यक्ष, जवानों से इसी उत्साह के साथ दुश्मन के सामने डटकर रहने को कहा
India China Border सेना प्रमुख ने इस दौरान पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ लड़ने वाले सैनिकों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए।
श्रीनगर, जेएनएन। भारत-चीन के बीच बने तनाव के बीच दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने आज एलएसी पर तैनात जवानों के बीच पहुंचे। उन्होंने गलवन घाटी में तैनात जवान से स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें। इसी को ध्यान में रखते हुए वह तैयारियां करें। उन्होंने इस दौरान एलएसी पर की गई तैयारियों की समीक्षा भी की। उन्होंने भारत-चीन सीमा पर तैनात भारतीय जवानों के उच्च मनोबल की प्रशंसा करते हुए उन्हें इसी उत्साह के साथ दुश्मन के सामने डटकर रहने को कहा।
सेना प्रमुख ने इस दौरान पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ लड़ने वाले सैनिकों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए।थलसेना प्रमुख गत मंगलवार को लद्दाख पहुंचे थे। कल पूरा दिन वह लेह में ही रहे। यहां उन्होंने सेना के फील्ड अधिकारियों से बैठक की और गलवन घाटी में चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में घायल हुए वीर जवानों से अस्पताल में जाकर मुलाकात कर बहादुरी के लिए उनकी पीठ भी थपथपाई। आज उनके दौरे का आखिरी दिन है। आज सुबह पूर्वी लद्दाख पहुंचे थल सेना प्रमुख ने गलवन घाटी समेत अन्य इलाकों में सुरक्षा के हालात का बारीकी से जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन सीमाओं की रक्षा में तैनात जवानों से बातचीत भी की।
उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि उनके साहस और बहादुरी का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने इस उत्साह को इसी तरह बरकरार रख दुश्मन के सामने डटकर रहने को कहा। यही नहीं उन्होंने जवानों से किसी भी स्थिति का सामना करने को भी तैयार रहने के लिए कहा। वहीं सेना प्रमुख को अपने बीच पाकर जवानों का उत्साह और बढ़ गया।
आपको जानकारी हो कि पिछले हफ्ते वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी लद्दाख का दौरा किया था। गलवन में चीनी सैनिकों के साथ खूनी हिंसा में 20 जवानों के शहीद होने के बाद जनरल नरवाने का लद्दाख में यह पहला दौरा है। थल सेना अध्यक्ष का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। इस बीच, थलसेना प्रमुख ने फील्ड कमांडरों से बैठक कर पूर्वी लद्दाख में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों व चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनाई जा रही रणनीति की जानकारी भी ली। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि थलसेना प्रमुख कश्मीर नहीं जाएंगे आज दोपहर को वह लेह से ही दिल्ली लौट जाएंगे।